संकट में फंसी रीयल्टी कंपनी आम्रपाली ग्रुप नोएडा व ग्रेटर नोएडा में 30,000 से अधिक मकानों को पूरा करने के लिए अपने पास पड़ी जमीन से धन जुटाने पर विचार कर रही है. इसके साथ ही उसकी सहयोगी डेवलपरों को शामिल करने की भी योजना है. कंपनी के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा ने यह जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने अपने ग्राहकों को आश्वस्त किया है कि फर्म के प्रवर्तक देश से भाग नहीं रहे हैं और कंपनी अपनी सभी मौजूदा परियोजनाओं को पूरा करने की मंशा रखती है. उल्लेखनीय है कि ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि कंपनी दिवालिया होगी ओर इसके प्रवर्तक देश छोड़ने की जुगत में हैं. इसके बीच कंपनी की परियोजनाओं में लगातार देरी के विरोध में इसके ग्राहकों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. शर्मा ने कहा, ‘हम यह देश छोड़कर नहीं भाग रहे हैं. हम अपनी सारी चालू परियोजनाओं को पूरा करने की मंशा रखते हैं.’
उन्होंने कहा कि 2011-15 के दैरान ग्रेटर नोएडा में जमीन अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों के चलते कंपनी की परियोजनाओं में देरी हुई जबकि बीते कुछ साल में देश के संपत्ति बाजार में मांग नरम है. आम्रपाली के निदेशक शिव प्रिय ने कहा कि कंपनी ने लगभग 10 लंबित परियोजनाओं में और फर्मों को को-डेवलपर के रूप में शामिल करने की अनुमति देने हेतु नोएडा व ग्रेटर नोएडा के विकास अधिकारियों से संपर्क किया है. यहां कंपनी के पास 3.5 करोड़ वर्गफुट जमीन अधिशेष है.
कंपनी पर इन दो प्राधिकारों की लगभग 3000 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं. इसके अलावा लगभग 10 बैंकों का 1000 करोड़ रुपये का बकाया है. इसी तरह उसे मौजूदा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 3000 करोड़ रुपये चाहिए.
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