विज्ञापनों की निगरानी करने वाले भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएसआईसी) ने जुलाई में भ्रामक विज्ञापन देने के लिए कई कंपनियों की खिंचाई की है. इनमें भारती एयरटेल, टाटा टेलीसर्विसेज, महिंद्रा एंड महिंद्रा और हिमालया शामिल हैं.
एएसआईसी की ग्राहक शिकायत परिषद (सीसीसी) को मिली 183 शिकायतों में से उसने जुलाई माह के दौरान 134 विज्ञापनों को भ्रामक पाया. इसमें ग्लैक्सोस्मिथ कंज्यूमर हेल्थकेयर, जिलेट और हिंदुस्तान यूनिलीवर के विज्ञापन भी शामिल हैं.
इन 134 विज्ञापनों में से 44-44 विज्ञापन स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा श्रेणी के हैं. 24 विज्ञापन खाद्य और पेय श्रेणी एवं आठ विज्ञापन निजी देखभाल श्रेणी के हैं. विज्ञापन नियामक ने दूरसंचार कंपनी एयरटेल के विज्ञापन में उसे 'सर्वश्रेष्ठ नेटवर्क' बताने को भ्रामक पाया और इसी तरह टाटा टेलीसर्विसेज की डोकोमो सेवा के संबंध में दिए गए विज्ञापन को भी पैमानों पर खरा नहीं पाया.
इसी तरह परिषद ने महिंद्रा के सुप्रो मैक्सी टैक्सी और महिंद्रा मैक्सिमो प्लस के बारे में विज्ञापन में किए गए दावे को भी भ्रामक पाया.
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