नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में तैयार हो चुके फ्लैटों के लिये अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देने की एक त्वरित योजना का प्रस्ताव किया है. इससे इन फ्लैटों के खरीदारों को जल्द रजिस्ट्री कराने में मदद मिलेगी. करीब 50,000 फ्लैट खरीदारों को इसका फायदा होगा.
अनेक परियोजनायें हैं जिनमें बिल्डर द्वारा विभिन्न बकायों का भुगतान नहीं किये जाने और परियोजना को पूरा करने में हो रही देरी के चलते खरीदारों को अपने फ्लैट की रजिस्ट्री कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है . नये प्रस्ताव के तहत समूची परियोजना के पूरा नहीं होने के बावजूद जो फ्लैट तैयार हो चुके हैं उनके खरीदारों को एनओसी दे दिया जायेगा ताकि वह रजिस्ट्री प्राप्त कर सकें.
यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार की मंजूरी के बाद अमल में आयेगा. इसके तहत ऐसे तैयार फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिये बिल्डर द्वारा बकायों का आनुपातिक भुगतान और 10 प्रतिशत अधिभार चुकाने के बाद अनुमति दे दी जायेगी. यह योजना यदि सिरे चढ़ती है तो अकेले ग्रेटर नोएडा में ही 20,000 फ्लैट मालिकों को तुरंत इसका लाभ मिलेगा. नोएडा में इससे भी अधिक फ्लैट हैं जो तैयार हो चुके हैं लेकिन एनओसी नहीं मिलने की वजह से उनकी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है. हालांकि, यमुना एक्सप्रेसवे में ऐसे फ्लैटों की संख्या कम है लेकिन कुल मिलाकर इन क्षेत्रों में ऐसे फ्लैंटों की संख्या 50,000 से अधिक हो जायेगी.
कई मामले तो ऐसे हैं कि खरीदार ने इन फ्लैंटों में रहना भी शुरू कर दिया है लेकिन वह अपने फ्लैट के पंजीकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि बिल्डर की तरफ से परियोजना अभी पूरी नहीं हुई है और उसने प्राधिकरण के विभिन्न बकायों का भुगतान नहीं किया है.