केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू ने मंगलवार को कहा कि औसत हवाई किराया 2016 में 18 प्रतिशत घटा तथा अतिरिक्त क्षमता से किराये में और कमी आ सकती है. हालांकि, उन्होंने टिकट मूल्य की सीमा तय किये जाने के विचार का समर्थन नहीं किया.
विमानन कंपनियों ने मार्च, 2017 को समाप्त वित्त वर्ष में 10 करोड़ से अधिक घरेलू यात्रियों को सेवाएं दी. यह इससे एक वर्ष पूर्व के मुकाबले करीब 19 प्रतिशत अधिक है. एनडीए शासन के तीन साल के दौरान मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि किफायती तथा आरामदायक उड़ान के लिए विमानन क्षेत्र के माहौल को नया रूप दिया गया है. नागर विमानन मंत्री ने कहा कि देश में औसत किराया 2016 में 18 प्रतिशत कम हुआ.
हवाई किराये में तीव्र उतार-चढ़ाव के लेकर चिंता रही है और कुछ समय पहले विभिन्न तबकों से यह सुझाव मिला था कि हवाई किराये की उच्च सीमा तय की जाए. हालांकि, मंत्रालय का विचार रहा है कि कीमतों मांग एवं आपूर्ति के आधार पर ही तय हो. उन्होंने टिकट कीमत की अधिकतम और न्यूनतम सीमा के बारे में दिए गए सुझाव के बारे में कहा कि इससे टिकटों की लागत बढ़ेगी. मंत्री ने कहा, 'अतिरिक्त क्षमता के लिए रणनीति बनाई जानी है, क्योंकि इससे कीमतों में कमी आएगी.'
नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि औसतन हवाई टिकट किराया कम हो रहा है और कई देशों के मुकाबले कम है. अन्य पहल के तहत मंत्रालय ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) शुरू की. इसके तहत एक घंटे की उड़ान के लिए किराया 2,500 रुपये रखा गया है.
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