कई सप्ताह की अनिश्चितता के बाद चुनाव आयोग ने आखिर आज रिजर्व बैंक को सैद्वांतिक तौर पर नए बैंक लाइसेंस जारी करने की छूट दे दी।
चुनाव आयोग ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को आज लिखे पत्र में कहा है, 'आयोग का मानना है कि रिजर्व बैंक इस मामले में जो उचित समझे उस पर आवश्यक कारवाई कर सकता है।' रिजर्व बैंक पहला लाइसेंस मार्च अंत तक जारी करना चाह रहा था, लेकिन उसे चुनाव आयोग की तरफ से हरी झंडी नहीं मिली पाई थी। करीब एक दशक बाद देश में नए बैंक लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।
रिजर्व बैंक ने 5 मार्च को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद आदर्श चुनाव संहिता लागू हो जाने पर 12 मार्च को चुनाव आयोग के समक्ष नए बैंक लाइसेंस जारी करने के लिए उसकी अनुमति मांगी थी।
रिजर्व बैंक को नए बैंक लाइसेंस के लिए शुरू में 27 आवेदन प्राप्त हुए थे पर टाटा संस और वैल्यू इंडस्ट्रीज ने अपने आवेदन वापस ले लिए। इसके बाद नए बैंक लाइसेंस चाहने वालों की सूची में 25 आवेदन रह गए।
सार्वजनिक क्षेत्र में इंडिया पोस्ट और आईएफसीआई बैंक लाइसेंस चाहने वालों में शामिल हैं, जबकि निजी क्षेत्र में अनिल अंबानी समूह और आदित्य बिड़ला समूह लाइसेंस चाहने वालों की दौड़ में शामिल हैं। बजाज फाइनेंस, मुथूट फाइनेंस, रेलिगेयर एंटरप्राइजिज और श्रीराम कैपिटल ने भी बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन किया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार दोपहर द्वैमासिक मौद्रिक नीति जारी करने के बाद कहा कि केंद्रीय बैंक को जैसे ही चुनाव आयोग से हरी झंडी मिलेगी वह बैंक लाइसेंस देने की प्रक्रिया को तेज कर देगा।