भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने शनिवार को कहा कि बैसल-3 पूंजी पर्याप्तता मानकों पर खड़ा करने के लिए भारतीय बैंकों को मार्च 2018 तक 1,600 से 1,750 अरब रुपये की अतिरिक्त पूंजी जुटानी होगी।
सेंटर फॉर इकोनॉमिक एंड सोशल स्टडीज में यहां जोखिम प्रबंधन पर उन्होंने कहा, "हमारे अनुमान के मुताबिक आंतरिक साधनों और ब्याज आय से जो कुछ भी रकम बैंक जुटाएंगे, उसके अतिरिक्त बैंकों को अतिरिक्त 1,600 से 1,750 अरब रुपये जुटाने चाहिए।"
बैसल-3 बैंकिंग क्षेत्र में नियमों, पर्यवेक्षण और जोखिम प्रबंधन पर सुधार के उपायों का समुच्च्य है।
इसका उद्देश्य बैंकों को वित्तीय झटकों और दबावों को झेलने में सक्षम बनाना और इसके जोखिम प्रबंधन में सुधार करना है।
रिजर्व बैंक ने भारतीय बैंकों के लिए बैसल-3 मानकों पर खड़ा उतरने के लिए मार्च 2018 की समय सीमा तय की है।