एक के बाद एक निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा एमसीएलआर में कटौती करने के फैसले के बाद लोने पर ब्याज दरों में कटौती हुई है. इससे आम लोगों के लिए होम लोन, कार लोन और अन्य कर्ज सस्ते होने का रास्ता खुल गया है. इसका सीधा सा असर आपकी ईएमआई पर भी पड़ेगा जो कम हो सकती है. एसबीआई (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI), देना बैंक और निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) के ने भी लोन की ब्याज दरों में कटौती कर दी है. ICICI बैंक ने 0.70 फीसदी की कटौती की है. ICICI बैंक के अलावा कोटक महिंद्रा बैंक, देना बैंक, बंधन बैंक, आंध्रा बैंक और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने अपनी एमसीएलआर में कटौती की है.
ICICI बैंक ने कहा कि उसने एक साल की एमसीएलआर दर को 0.70 फीसदी घटाकर 8.20 फीसदी कर दिया है. वहीं एसबीआई ने भी एक साल की एमसीएलआर दर को 8.90% से घटाकर 8% कर दिया है.
एनडीटीवी से बातचीत में एसबीआई (नेशनल बैकिंग) के मैनेजिंग डायरेक्टर रजनीश कुमार ने सोमवार को कहा, एसबीआई के होम लोन, 30 लाख रुपए तक के, पर ब्याज दरें 8.5% की गई हैं. अगले छह महीने तक ब्याज दरों में इजाफा करने को लेकर कोई दबाव नहीं है. उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण के बाद 10 नवंबर से लोन (बुक) में ग्रोथ नहीं दिखी. बैंक का लक्ष्य है कि Q4 में लोन ग्रोथ लाई जाए. उन्होंने कहा कि एमसीएलआर में कटौती के चलते कर्ज की मांग में बढ़ोतरी पैदा करने की कोशिश की जा रही है. निकट भविष्य में इसके और कम किए जाने के आसार नहीं दिखते.
बैंकों से गरीबों और निम्न-मध्यम वर्ग को कर्ज लेने के मामले में सहायता देने को प्राथमिकता देने के पीएम नरेंद्र मोदी के अनुरोध के बाद बैंकों ने कर्ज की दरों में कटौती की है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बैंक होम और कार लोन की दरें तय करने के लिए एक साल का बेंचमार्क तय करते हैं. वे रीटेल लोन तय करने के लिए एमसीएलआर के ऊपर मार्जिन तय करते हैं जोकि सीधे सीधे लोन की ब्याज दरें निर्धारित करने से लिंक होता है. एसबीआई ने जो बेंचमार्क रेट तय किया है वह 2011 के बाद से सबसे कम है. एक नजर से देखें तो एसबीआई ने बेंचमार्क लेंडिग रेट में जो कटौती की है वह 2015 के बाद से कुल मिलाकर 200 बेसिस पॉइंट्स की है.