केंद्र सरकार को आर्थिक मोर्चे पर झटका लगा है. कोयले के उत्पादन में 20 प्रतिशत से भी अधिक संकुचन के बीच सितंबर महीने में आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 5.2 प्रतिशत घट गया. यह एक दशक में इस क्षेत्र का सबसे खराब प्रदर्शन है और इससे इस समय चल रही आर्थिक सुस्ती की गंभीरता का पता चलता है. बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों में से सात के उत्पादन में सितंबर में गिरावट आयी है. इस दौरान कोयले का उत्पादन सर्वाधिक 20.50 प्रतिशत गिरा. इसके अलावा कच्चा तेल उत्पादन 5.40 प्रतिशत, प्राकृतिक गैस का उत्पादन 4.9 प्रतिशत, परिशोधित उत्पादों का उत्पादन 6.7 प्रतिशत, सीमेंट उत्पादन 2.1 प्रतिशत, इस्पात उत्पादन 0.3 प्रतिशत और बिजली उत्पादन 3.7 प्रतिशत कम हुआ. बुनियादी क्षेत्र में सिर्फ उर्वरक क्षेत्र का उत्पादन 5.4 प्रतिशत बढ़ा. बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2018 में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 4.3 प्रतिशत बढ़ा था.
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से सितंबर की अवधि में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 1.3 प्रतिशत रह गई. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 5.5 प्रतिशत रही थी. इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च के प्रधान अर्थशास्त्री और निदेशक लोक वित्त डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने आंकड़ों के बारे में कहा कि बुनियादी उद्योगों में इस तरह की गिरावट 2011-12 या 2004-05 की आधार श्रृंखलाओं में कभी भी देखने को नहीं मिली थी. उन्होंने कहा, ‘इससे स्पष्ट तौर पर जारी औद्योगिक सुस्ती की गंभीरता का पता चलता है.' डॉ. सिन्हा की राय में इससे एजेंसी का मत है कि इन आकंडों को देखते हुए ‘भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिसंबर 2019 में नीतिगत ब्याज दर में एक और कटौती तय है.'
किस क्षेत्र में कितनी गिरावट
इंडस्ट्री गिरावट
- कोयला 20.5%
- कच्चा तेल 5.40%
- प्राकृतिक गैस 4.9%
- सीमेंट 2.1%
- रिफ़ाइनरी 6.7%
- स्टील 0.3%
- बिजली 3.7%
- कुल 5.2%