भाजपा ने बुधवार को मांग की कि जिस ‘‘आधे-अधूरे तथा आपत्तिजनक’’ ढंग से जेट-एतिहाद सौदा किया गया है उसकी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में सीबीआई से जांच कराई जाए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘यह सौदा हर तरह के विवादों से घिरा है। संयुक्त अरब अमीरात से द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर के दो दिन बाद जिस तरह सौदा किया गया और उसे 37 हजार अतिरिक्त सीट दी गई, उससे साफ संकेत मिलता है कि इन दो प्राइवेट पार्टियों (जेट एयरवेज और एतिहाद) को पूरी जानकारी थी कि सरकार क्या करने जा रही है।’’
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा, उन्हें इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सौदे में बहुत अधिक जल्दबाजी बरती गई और सरकार की एजेंसियों को इस सौदे के परिणामों का अध्ययन करने का अवसर नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि इस तथ्य को देखते हुए ‘‘सरकार को यह सौदा किए जाने के तरीके की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में सीबीआई से जांच करानी चाहिए।’’ सौदे में गड़बड़ी आशंका जताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इसमें घोटाले की बू आ रही है। इस बात की जांच होनी चाहिए कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है।’’
उन्होंने कहा कि यह सौदा आधू-अधूरे और आपत्तिजनक ढंग से किया गया है और प्रधानमंत्री कार्यालय इस सौदे का पुनर्निरक्षण की सही मांग करता दिख रहा है।
इस सौदे को लेकर नागर विमानन मंत्री अजित सिंह और प्रधानमंत्री कार्यालय में मतभेदों की खबरों पर उन्होंने जानना चाहा कि इनमें से कौन ‘अवसरवादी खेल’ खेल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री की प्रवृत्ति का यह हिस्सा है कि जब कोई संकट उठता है तो वह खुद को उससे दूर कर लेते हैं। ऐसा उन्होंने कोलगेट और 2-जी स्पेक्ट्रम मामले में किया। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है।’