विदेशों में भारतीयों के जमा काले धन को वापस लाने के भारत के प्रयासों को एक बड़ी सफलता मिली है। स्विटजरलैंड ने कहा है कि वह बैंकिंग सूचनाओं के बारे में भारत के आग्रह की प्राथमिकता के आधार पर समीक्षा करेगा और मांगी गई सूचनाएं समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराएगा।
दोनों देशों के अधिकारियों के बीच कर मामलों पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है, स्विस अधिकारी भारतीय पक्ष के आग्रह के बाद बैंक दस्तावेजों के सही होने बारे में पुष्टि हासिल करने में भी मदद करेंगे। साथ ही वे गैर बैंकिंग सूचनाओं के आग्रह पर भी तेजी से सूचना उपलब्ध कराएंगे।
इससे पहले, स्विटजरलैंड स्विस बैंको में जमा काले धन के कथित मामलों पर भारतीय प्राधिकारियों को सूचनाएं साझा कराने से लगातार इनकार कर रहा था। काले धन के बारे में सूचना मुहैया कराने संबंधी निर्णय दोनों देशों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की बर्न में हुई उच्च स्तरीय बैठक में किया गया।
बयान में कहा गया है कि स्विटजरलैंड के सक्षम अधिकारी भारतीय पक्ष को मांगी गई सूचना समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराएंगे। या फिर इसकी वजह बताएंगे कि तय समयसीमा में कोई सूचना क्यों नहीं उपलब्ध कराई जा सकी। यह बैठक बर्न में राजस्व सचिव शक्तिकांत दास और उनके स्विस समक्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों के सचिव जैकस डे वाटेविले के बीच हुई। दोनों ने विभिन्न द्विपक्षीय व बहुपक्षीय कर व वित्तीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
स्विटजरलैंड सरकार के बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रखने पर भी सहमति बनी है। स्विस बैंकों में जमा भारतीयों का कथित काला धन भारत में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा रहा है और नई सरकार ने कहा है कि वह इस मुद्दे से निपटने के लिए कटिबद्ध है।
भारतीय नागरिकों द्वारा स्विटजरलैंड के बैंकों में जमा किए गए कथित काले धन के मुद्दे पर भारत और स्विस सरकारें पिछले कुछ सालों से बात कर रही हैं, लेकिन इस संबंध में द्विपक्षीय संधि होने के बावजूद कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है। जुलाई में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद को सूचित किया था कि स्विटजरलैंड ने स्विस बैंकों में अवैध धन जमा करने वाले भारतीय नागरिकों का ब्योरा उपलब्ध कराने के संबंध में कुछ कानूनी मुद्दे उठाए हैं।
यह आश्वस्त करते हुए कि सरकार इस तरह के खातों का ब्योरा हासिल करने के सभी प्रयास कर रही है, जेटली ने यह भी कहा था कि वह इस संबंध में सबूत एकत्र कर रही है। काले धन के मामले को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमबी शाह की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम (एसआईटी) देख रही है। दास ने भारत द्वारा कर चोरी रोकने को उच्च प्राथमिकता दिए जाने पर जोर दिया।
वहीं दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय कराधान के मामले में हाल के घटनाक्रमों का स्वागत किया। इनमें सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के नए अंतरराष्ट्रीय मानदंड के अलावा बेस इरोजन एंड प्राफिट शिफ्टिंग (बीईपीएस) जैसे घटनाक्रम शामिल हैं। इसके अलावा अधिकारियों ने स्वीकार्य कानूनी दायरे में रहते हुए कर धोखाधड़ी व चोरी को रोकने की अपने-अपने देशों की प्रतिबद्धता जताई।
स्विस नेशनल बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार दिसंबर, 2013 तक स्विस बैंकों में भारतीयों का कुल जमा धन 14,000 करोड़ रुपये से अधिक है। यह आंकड़ा एक साल पहले की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक है।