सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक (कैग) टेलीकॉम कंपनियों की ऑडिटिंग कर सकता है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि कैग टेलीकॉम कंपनियों की आय की ऑडिटिंग कर सकता है।
न्यायमूर्ति राधाकृष्णन ने कहा कि कैग की ऑडिटिंग इसलिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्राकृतिक संसाधनों पर संसदीय नियंत्रण ही रहे, जो सरकार के पास होता है और जिसे इस्तेमाल के लिए निजी संचालकों को दिया जाता है।