नियंत्रक एवं महालेख परीक्षक (कैग) ने कहा है कि मार्च 2005 से दिसंबर 2010 के दौरान पश्चिम बंगाल तथा उत्तर प्रदेश (पूर्वी) सर्कलों ने ग्रामीण सामुदायिक फोन (आरसीपी) के लिए रिलायंस इन्फोकॉम तथा बीएसएनएल को 2.17 करोड़ रुपये ज्यादा सब्सिडी का भुगतान किया।
सरकारी अंकेक्षक कैग ने संसद में पेश रपट में कहा है कि रिलायंस इन्फोकॉम तथा बीएसएनएल को 2.17 करोड़ रुपये का ज्यादा भुगतान किया गया। यह भुगतान गांवों में 836 आरसीपी के संबंध में किया गया। हालांकि, कैग ने जब यह मामला उठाया तो संचार खातों के नियंत्रक (सीसीए), पश्चिम बंगाल सर्कल ने दावा किया रिलायंस इन्फोकॉम से 1.62 करोड़ रुपये की राशि वसूली गई है।
कैग के अनुसार सीसीए, उत्तरप्रदेश (पूर्व) ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।