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रिलायंस जियो को बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम पर कैग ने दूरसंचार विभाग को आड़े हाथों लिया

कैग ने उच्च गति के बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम की नीलामी में खामियों को लेकर दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को आड़े हाथों लिया है। कैग ने कहा है कि इन खामियों के चलते ही रिलायंस जियो इंफोकॉम को अखिल भारतीय स्तर का बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम हासिल हुआ और सरकारी खजाने को नुकसान उठाना पड़ा।
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NDTV Profit हिंदी11:04 AM IST, 21 Jan 2014NDTV Profit हिंदी
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नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने उच्च गति के बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम की नीलामी में खामियों को लेकर दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को आड़े हाथों लिया है। कैग ने कहा है कि इन खामियों के चलते ही रिलायंस जियो इंफोकॉम को अखिल भारतीय स्तर का बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम हासिल हुआ और सरकारी खजाने को नुकसान उठाना पड़ा।

मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की अनुषंगी रिलायंस जियो ने जून 2010 में इंफोटेल ब्राडबैंड सर्विसेज प्राइवेट लि. (आईबीएसपीएल) का अधिग्रहण किया था। इस छोटी सी कंपनी के देश भर में बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम 12,750 करोड़ रुपये में हासिल करने के कुछ ही समय बाद इसका अधिग्रहण किया गया।

कैग ने अपनी मसौदा रिपोर्ट टिप्पणी के लिए दूरसंचार विभाग को भेजी है। इसमें बोलीदाताओं के लिए जो योग्यता मानदंड तय किए गए थे, उसकी आलोचना की गई है। दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल में हुई बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम की बिक्री में सफल बोलीदाताओं के लिए 'बंधक अवधि' का प्रावधान नहीं है।

वहीं, दूसरी तरफ रिलायंस जियो ने सभी आरोपों से इनकार किया है। ई-मेल के जरिये पूछे गS सवाल के जवाब में कंपनी ने कहा कि ट्राई ने इस बात पर जोर दिया था कि दूरसंचार विभाग को ऐसी योजना तैयार करनी चाहिए जिससे बड़ी और छोटी आईएसपी कंपनियों को बीडब्लयूए नेटवर्क तैनात करने की अनुमति हो।

कैग की मसौदा रिपोर्ट में कहा गया है, 'बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम की नीलामी में भागीदारों के लिए अपर्याप्त योग्यता मानदंड तथा दूरसंचार विभाग के अधिकारियों की तरफ से सही तरीके से जांच पड़ताल नहीं करने से आईबीएसपीएल के प्रवर्तकों को बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम की जून 2010 में नीलामी के बाद 4,800 करोड़ रुपये का बेजा लाभ हुआ।'

कैग ने कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी के मामले में दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार कंपनी में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले प्रवर्तकों पर अपनी हिस्सेदारी बेचने से तीन साल के लिए प्रतिबंध लगाया था, लेकिन बीडब्ल्यूए नीलामी में ऐसी कोई सीमा नहीं लगाई गई।

मसौदा रिपोर्ट के अनुसार, 'नीलामी में भाग नहीं लेने वाली एक कंपनी ने बोली नीलामी प्रक्रिया के बंद होने के कुछ ही घंटों बाद में सफल कंपनी का अधिग्रहण कर दूरसंचार अधिकारियों द्वारा बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिये योग्यता मानदंड में छोड़ी गयी खामी का लाभ उठाया।'

कैग रिपोर्ट के अनुसार आईबीएसपीएल स्पेक्ट्रम हासिल करने के एक सप्ताह के भीतर 17 जून को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई। और उसी दिन 94.96 प्रतिशत शेयर रिलायंस को आवंटित करने का निर्णय किया। इससे इंफोटेल के प्रवर्तकों को बेजा लाभ हुआ।

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