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केयर्न इंडिया का होगा वेदांता में विलय

उद्योगपति अनिल अग्रवाल ने रविवार को अपने समूह की दो कंपनियों के विलय की घोषणा की। घोषणा के मुताबिक तेल एवं गैस उत्खनन कंपनी केयर्न इंडिया का प्राकृतिक संसाधन कंपनी वेदांता लिमिटेड में विलय हो जाएगा।
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NDTV Profit हिंदी09:25 PM IST, 14 Jun 2015NDTV Profit हिंदी
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उद्योगपति अनिल अग्रवाल ने रविवार को अपने समूह की दो कंपनियों के विलय की घोषणा की। घोषणा के मुताबिक तेल एवं गैस उत्खनन कंपनी केयर्न इंडिया का प्राकृतिक संसाधन कंपनी वेदांता लिमिटेड में विलय हो जाएगा।

समूह ने कहा कि यह विलय 2016 की प्रथम तिमाही तक पूर्ण हो जाएगा।

अग्रवाल ने कहा, "केयर्न इंडिया और वेदांता लिमिटेड का विलय विविध प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र में हमारी स्थिति को मजबूत करेगा।"

उन्होंने कहा, "दोनों ही कंपनियों के स्वतंत्र निदेशकों ने एक मत से विलय की सिफारिश की है।"

समूह ने रविवार को कहा कि समूह की रणनीति अब भी आकर्षक विकास, टिकाऊ विकास, शेयरधारकों के लिए दीर्घावधि मूल्य हासिल करना और बेहतर लाभांश वितरण को बनाए रखना है।

समूह द्वारा जारी बयान के मुताबिक, "इस विलय के तहत वेदांता केयर्न के अल्पमत शेयरधारकों को 75.2 करोड़ शेयर और इतने ही रीडीमेबल प्रीफरेंस शेयर आवंटित करेगी। इसके तहत वेदांता या उसकी किसी भी सहायक कंपनी को कोई शेयर जारी नहीं किया जाएगा।"

वेदांता का निर्माण सेसा गोवा, स्टरलाईट और वेदांता एल्यूमीनियम को विलय करने के बाद हुआ था।

केयर्न ने शनिवार को शेयर बाजार में दाखिल नियमित सूचना में कहा था, "कंपनी के निदेशक मंडल की एक बैठक 14 जून को होगी, जिसमें अन्य बातों के अलावा कंपनी की वेदांता में विलय पर भी विचार किया जाएगा।"

वेदांता ने 2011 में 8.67 अरब डॉलर में केयर्न में बहुमत हिस्सेदारी खरीद ली थी। वेदांता और उसकी विभिन्न इकाइयों के माध्यम से उसकी केयर्न में 59.9 फीसदी हिस्सेदारी है।

केयर्न का खुद के साथ विलय करने से वेदांता को उसकी नकदी का उपयोग करने का अधिकार मिल जाएगा, जिससे वह अपने कर्ज के बोझ को कुछ कम कर सकेगी।

इस साल मार्च के अंत तक वेदांता पर समेकित आधार पर कुल 99 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था।

वेदांता ने इस महीने के शुरू में केयर्न इंडिया में अपनी सहायक कंपनी ट्विनस्टार मॉरिशस होल्डिंग्स के जरिए 31.5 करोड़ डॉलर में करीब पांच फीसदी हिस्सेदारी और खरीद ली थी।

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