दो लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन अब गैर-कानूनी माना जाएगा और ऐसा करने पर भारी जुर्माना भरना होगा. सरकार ने मंगलवार को यह नया प्रस्ताव रखा है. नए नियमों के मुताबिक तय सीमा से अधिक राशि के नकद लेनदेन पर 100 फीसदी तक जुर्माना लगेगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को पेश वित्त विधेयक 2017 में मंगलवार को 40 संशोधन के प्रस्ताव किए जो एक 'अभूतपूर्व' बात है. संशोधन पेश किए जाने के बाद राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने एक ट्वीट किया कि प्रावधान का उल्लंघन होने पर इतनी ही राशि का जुर्माना वसूला जाएगा. जुर्माना उस व्यक्ति या इकाई से वसूला जाएगा, जो नकद प्राप्त करेंगे.
फरवरी में आम बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि नकद लेनदेन की सीमा 3 लाख रुपये तय की जानी चाहिए. लेकिन अब सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट में संशोधन कर अगले महीने से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष से नकद लेनदेन की अधिकतम राशि दो लाख रुपये करने का फैसला किया है. सरकार का यह पहल कालेधन पर अंकुश लगाने और लोगों को डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते है.
बजट पेश किए जाने के बाद राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा था कि सरकार सभी बड़े नकद लेनदेनों पर नजर रखेगी. इससे पहले सरकार ने 2 लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन के लिए पैन कार्ड या आयकर पहचान की विस्तृत जानकारी देना अनिवार्य कर दिया था. हालांकि सरकार, बैंकिंग कंपनियों, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स बैंक या को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए नकद लेनदेन की सीमा लागू नहीं होगी.
वहीं सरकार ने मंगलवार को यह भी बताया कि आयकर विभाग ने पिछले दो वित्त वर्ष में 992 व्यक्तियों और संस्थाओं की खोजबीन की और 21,454 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया. राज्यसभा में वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. गंगवार ने कहा कि इन दो सालों के दौरान जिन व्यक्तियों के आय आकलन का काम पूरा हुआ, उनकी कुल आय पर टैक्स लगाने के अलावा आयकर विभाग ने 1,221 मामले में अभियोजन शिकायत दर्ज कराई है. आयकर कानून के तहत जिन लोगों ने अपराध किए हैं, उनके खिलाफ 2,220 शिकायतें मिली हैं.