केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि दालों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए वह इनका बड़ी मात्रा में आयात करेगी ताकि आपूर्ति बढ़ाई जा सके। साथ ही राज्यों से कहा गया है कि वे जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक में मंत्रिमंडल ने दालों की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई और इससे निपटने के लिए इनका आयात बढ़ाने सहित कुछ दूसरे उपाय करने का फैसला किया।
दालों की कीमत में पिछले एक साल में 64 फीसदी का इजाफा हुआ है, क्योंकि प्रतिकूल मौसम के कारण दलहनों का घरेलू उत्पादन 2014-15 फसल वर्ष में करीब 20 लाख टन घट गया था।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा 'सरकार दलहन की बढ़ती कीमतों के प्रति बेहद गंभीर है। दलहन का उत्पादन इस साल कम रहा है। जितनी जरूरत होगी हम उतने दलहन का आयात करेंगे।' उन्होंने कहा 'हमने राज्य सरकारों से कहा है कि वे जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करें।'
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'मंत्रिमंडल में दालों की बढ़ती कीमत के बारे में चर्चा हुई और इस पर चिंता भी जाहिर की गई। प्रधानमंत्री ने दालों का भारी मात्रा में आयात किए जाने का निर्देश दिया ताकि देश में इसकी कीमतों पर अंकुश लग सके।'
यह पूछने पर कौन सी एजेंसी दलहनों का आयात करेगी, पासवान ने कहा कि इसके तौर तरीकों पर जल्दी ही फैसला किया जाएगा।
पिछले साल कम बारिश और इस साल मार्च-अप्रैल में बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि के कारण दलहन उत्पादन 2014-15 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 1.73 करोड़ टन रह गया, जो इससे पिछले फसल वर्ष में 1.92 करोड़ टन था।
भारत घरेलू मांग को पूरा करने के लिए करीब 40 लाख टन दालों का आयात करता है। यह आयात मुख्यत: निजी व्यापार के जरिए होता है।