1 जुलाई से देश में जीएसटी लागू हो गया है. ऐसे में पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट अभी भी जारी है. ऐसे में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को राज्यों से पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कर घटाने की अपील की है क्योंकि जीएसटी शासन लागू होने के बाद इनकी इनपुट लागत बढ़ गई है. वित्त मंत्रालय द्वारा एक बयान में कहा गया, "वित्त मंत्रालय द्वारा मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में विनिर्माण क्षेत्र द्वारा उठाई गई चिंताओं को दर्शाया गया है." वित्त मंत्री द्वारा लिखे गए पत्र में वस्तु और सेवा कर व्यवस्था को देखते हुए देश के विनिर्माण क्षेत्र की पेट्रोलियम उत्पादों की निवेश लागत बढ़ने संबंधी चिंता के बारे में बताया गया है.
जीएसटी व्यवस्था से पहले पेट्रोलियम उत्पादों और अंत में उत्पादित माल दोनों पर वैट लगता था तथा विर्निमार्ताओं द्वारा प्रयुक्त पेट्रोलियम उत्पादों का इनपुट टैक्स क्रेडिट की अनुमति विभिन्न राज्यों द्वारा अलग-अलग रूप में दी गई. हालांकि जीएसटी लागू होने के बाद उत्पादित माल पर जीएसटी लगता है जबकि विनिर्माण में प्रयुक्त पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट लगने से कर बढ़ जाता है.
यह भी पढ़ें : अब पेट्रोल पंपों पर मिलेगी दवा, सरकार किराना सामान बेचकर बढ़ाएगी कमाई
इसे देखते हुए कुछ राज्यों ने जीएसटी व्यवस्था के पहले माल में प्रयुक्त होने वाली कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस पर वैट की दर 5 प्रतिशत कम थी. कुछ राज्य में विनिर्माण क्षेत्र में प्रयुक्त डीजल पर भी वैट की दर कम थी.
VIDEO :
इसलिए जेटली ने अन्य राज्यों से भी विनिर्माण में प्रयुक्त उन पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट की दर कम करने की संभावनाओं को तलाशने का अनुरोध किया है जिन मदों पर जीएसटी लागू है, ताकि माल लागत पर न्यूनतम प्रभाव पड़े. (IANS की रिपोर्ट)