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ग्रामीणों ने फूंकी जेके लक्ष्मी सीमेंट फैक्टरी, 600 करोड़ का नुकसान

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में गुरुवार की रात उग्र ग्रामिणों की भीड़ ने जेके लक्ष्मी सीमेंट फैक्टरी को आग के हवाले कर दिया। ग्रामीण फैक्टरी में स्थानीय लोगों को नौकरी देने की मांग कर रहे थे।
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NDTV Profit हिंदी07:07 PM IST, 05 Apr 2013NDTV Profit हिंदी
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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में गुरुवार की रात उग्र ग्रामिणों की भीड़ ने जेके लक्ष्मी सीमेंट फैक्टरीको आग के हवाले कर दिया। ग्रामीण फैक्टरीमें स्थानीय लोगों को नौकरी देने की मांग कर रहे थे।

राज्य में किसी औद्योगिक प्रतिष्ठान को आग के हवाले करने की यह पहली घटना है। घटना को लेकर उद्योगजगत सकते में है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

फैक्टरीमें आगजनी मामले को लेकर नंदिनी पुलिस ने शुक्रवार को तीन महिलाओं सहित अस्सी लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस कार्रवाई के विरोध में आक्रोशित लोगों ने नंदिनी थाने का भी घेराव किया और गिरफ्तार किए गए लोगों को तत्काल रिहा करने की मांग की। घेराव करनेवालों में ज्यादातर महिला और बच्चे शामिल थे।

दुर्ग जिले के अहिवारा के पास मलपुरी गांव में स्थित जेके लक्ष्मी सीमेंट फैक्टरीमें स्थानीय लोगों को नौकरी देने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे ग्रामीणों ने गुरुवार की रात फैक्टरीपरिसर पर धावा बोलकर आधुनिक उपकरणों और 40 से अधिक गाड़ियों को फूंक दिया। फैक्टरीप्रबंधन ने आगजनी से 600 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का दावा किया है।

आग लगाने से रोकने की कोशिश करने पर ग्रामिणें ने पुलिस पर पथराव किया जिसमें पांच पुलिसकर्मियों समेत 11 लोग घायल हो गए।

भीड़ का तेवर देखते हुए तुरंत उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। सीएसपी रविंद्र उपाध्याय समेत 10 पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। पुलिस को देखकर ग्रामीणों और भड़क उठे और पथराव शुरू कर दिया। इसी दौरान वाहनों में आग भी लगा दी। पथराव से सीएसपी के सिर में चोटें आई हैं।

ग्रामीणों ने जामुल पुलिस के एक वाहन को भी आग के हवाले कर दिया। पुलिस के हवाई फायर करने के बाद ग्रामीण वहां से भाग खड़े हुए।

भीड़ के भागने तक फैक्टरीमें आग ने भीषण रूप ले लिया था। आग पर काबू पाने के लिए भिलाई और रायपुर से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और दस्ते भेजे गए।

बताया जाता है कि 14 फरवरी से आंदोलन कर रहे 200 से ज्यादा ग्रामीणों ने कई दलों में बंटकर फैक्टरीपर धावा बोला था। हमला करने वाले दलों में लगभग 50 महिलाएं भी शामिल थीं। वे तीन गेटों से बलपूर्वक फैक्टरीके अंदर घुसे। ज्यादातर ग्रामीण लाठी-डंडे से लैस थे। कई के हाथ में पेट्रोल बम और जरीकेनों में केरोसिन भी था।

ग्रामीणों का रुख देखकर फैक्टरीके सुरक्षा गार्ड भाग खड़े हुए। ग्रामीणों ने पहले इंपोर्ट मैटेरियल के गोदाम में आग लगा दी। लगभग एक घंटे में उन्होंने वहां रखी सारी मशीनों और गाड़ियों को जला दिया। देखते ही देखते फैक्टरीमें आग की लपटें उठने लगीं।

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