देश के उद्योग जगत ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रमुख दरों में बुधवार को की गई 25 आधार अंक की कटौती का स्वागत किया।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, विकास परक बजट के बाद आरबीआई द्वारा अप्रत्याशित रूप से मुख्य नीतिगत दरों में की गई कटौती से एक सकारात्मक संकेत गया है कि सरकार और केंद्रीय बैंक विकास को मजबूत संबल देने के लिए हाथ से हाथ मिलाकर काम कर रहे हैं। बनर्जी ने हालांकि यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक का ध्यान महंगाई पर से हटा नहीं है।
एक अन्य उद्योग संघ पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि कटौती से आम आदमी को फायदा होगा। ऋण पर उनकी मासिक किश्त कम होगी और इसके कुल परिणाम से बाजार का माहौल बेहतर होगा।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष आलोक बी. श्रीराम ने कहा, मांग बढ़ाना आर्थिक विकास और लाखों युवा श्रम बल के लिए रोजगार सृजन की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। महंगाई दर नियंत्रित करते समय अर्थव्यवस्था में मांग प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कटौती को जारी रखने से मांग बनी रहने में मदद मिलेगी और निवेश का माहौल बेहतर बनेगा।
एंजल ब्रोकिंग के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक दिनेश ठक्कर ने कहा, बजट में उच्च गुणवत्ता युक्त वित्तीय समेकन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के कारण उम्मीद है कि आरबीआई कारोबारी वर्ष 2015-16 में विस्तारित मौद्रिक नरमी की तरफ बढ़ेगा और कम से 50-75 आधार अंक की और कटौती करेगा।
आरबीआई ने बुधवार को अप्रत्याशित रूप से मुख्य नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर दी और उम्मीद जताई कि आने वाले कारोबारी वर्ष में महंगाई दर में और नरमी आएगी। आरबीआई ने हालांकि वित्तीय घाटा कम करने के कार्यक्रम को एक साल आगे बढ़ाने को लेकर चिंता जाहिर की।
आरबीआई ने इससे पहले 15 जनवरी, 2015 को भी रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की थी। उसने हालांकि तीन फरवरी को छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया था।
बैंक ने तब कहा था कि उसे महंगाई पर और आंकड़ों तथा आम बजट के कुछ संकेतों का इंतजार है।