केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिये व्हिसल ब्लोअर को प्रोत्साहित करने की सरकार की योजना है. उन्होंने कहा कि सरकार कंपनी कानून के तहत जानकारी (फाइलिंग) के साथ संबंधित पक्षों के आधार ब्योरे को जोड़ने की दिशा में भी काम कर रही है.
अवैध धन प्रवाह पर कार्रवाई करने की दिशा में कई कदम उठाने वाला कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने आधिकारिक रिकार्ड से 2.26 लाख कंपनियों के नाम हटाये हैं. लंबे समय से कारोबारी गतिविधियां नहीं करने के कारण यह कदम उठाया है. साथ ही ऐसी कई इकाइयों के मामले में जांच के आदेश दिये हैं.
चौधरी ने हाल में बातचीत में कहा, ‘‘हम व्हिसल ब्लोअर को प्रोत्साहित करेंगे ताकि उन्हें अगर किसी भी संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलती है, वे उसके बारे में सरकार, संबंधित प्राधिकरणों को सूचना दें.’’
कारपोरेट मामलों के राज्यमंत्री ने कहा कि कंपनी की फाइलिंग के साथ आधार को जोड़ने से संबंधित व्यक्तियों की वास्तविकता का पता लगाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि मंत्रालय का मकसद एमसीए 21 पर कंपनियों की फाइलिंग में फर्जी पहचान के मुद्दे से निपटना है. आधार को जोड़ने का प्रस्ताव मुखौटा कंपनियों से निपटने के लिये है जिनके बारे में संदेह है कि इसका उपयोग अवैध धन को वैध मुद्रा बनाने में किया जाता है.
कंपनी कानून के तहत मंत्रालय को सूचना एमसीएए 21 पोर्टल के जरिये दी जाती है. चौधरी के अनुसार मंत्रालय ने संबंधित पक्षों से यथाशीघ्र आधार प्राप्त करने तथा उसे एमसीए 21 में उपलब्ध अपने ब्योरे के साथ जोड़ने को कहा है.