दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमितता से संबंधित मामले की सुनवाई 29 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी। हाल ही में इस मामले में भारती एयरटेल के सुनील मित्तल और एस्सार समूह के प्रमोटर रवि रुइया के खिलाफ अदालत द्वारा समन जारी किया गया था।
न्यायालय द्वारा जारी समन का पालन करते हुए मित्तल, रुइया और दूरसंचार सचिव श्यामल घोष सोमवार को अदालत के समक्ष पेश हुए।
केंद्रीय जांच ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 18 अप्रैल को जारी आदेशानुसार मामले की सुनवाई 29 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।
सर्वोच्च न्यायालय ने, निचली अदालत में लम्बित इस मामले को 18 अप्रैल को स्थगित कर दिया था, क्योंकि न्यायमूर्ति एआर दवे ने मामले से खुद को अलग कर लिया था।
इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने भी इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। मित्तल और रुइया ने 2जी मामले की विशेष अदालत द्वारा जारी समन को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
सीबीआई की विशेष अदालत ने 2002 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के कार्यकाल में कथित तौर पर अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन करने के मामले में मित्तल एवं रुइया के खिलाफ समन जारी कर उन्हें अदालत में पेश होने के आदेश जारी किए थे।
न्यायाधीश सैनी ने सोमवार को कहा, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 18 अप्रैल को जारी आदेश के मद्देनजर इस मामले को 29 अप्रैल तक के लिए स्थगित किया जाता है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने इससे पहले 16 अप्रैल को मित्तल एवं रुइया के निजी मुचलकों की अवधि अगली सुनवाई तक के लिए बढ़ा दी थी।
इस मामले के एक और आरोपी कनाडा के अनिवासी भारतीय असीम घोष को अभी समन जारी किया जाना बाकी है। असीम कथित अनियमितता बरते जाने के समय विवादित कंपनी के प्रबंध निदेशक थे।