दिल्ली में घर खरीदना अब और महंगा हो सकता है। दिल्ली सरकार ने सर्किल दरों में 200 प्रतिशत तक की वृद्धि की घोषणा की है। सर्किल दर संपत्ति का वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर उसकी सरकार के पास रजिस्ट्री कराई जाती है। मुख्य रूप से संपत्ति सौदों में काले धन पर अंकुश लगाने के मकसद से सरकार ने सर्किल दरों में बढ़ोतरी की है।
(ए) श्रेणी की कॉलोनियों में सर्किल दरों में 200 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया है, जबकि (बी) श्रेणी की कॉलोनियों के लिए दरें 50 प्रतिशत बढ़ाई गई हैं। शेष कालोनियों में सर्किल दरों में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
ग्रेटर कैलाश, डिफेंस कालोनी, गुलमोहर पार्क, पंचशील एनक्लेव, आनंदलोक, ग्रीन पार्क, गोल्फ लिंक तथा हौज खास जैसी (ए) श्रेणी की कॉलोनियों की सर्किल दरों में 200 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। दिल्ली मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार (ए) श्रेणी की कॉलोनी के लिए दर 6.45 लाख प्रति वर्ग मीटर तय की गई, जबकि पूर्व में यह 2.15 लाख प्रति वर्ग मीटर थी। एंड्रयूज गंज, कालकाजी तथा नेहरू इंक्लेव जैसी (बी) श्रेणी में आने वाली कॉलोनियों की सर्किल दरों में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जबकि अन्य इलाकों के लिए इसमें 22 प्रतिशत का इजाफा किया गया है।
मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार (बी) श्रेणी के अंतर्गत आने वाली कॉलोनी के लिए सर्किल रेट 2,04,600 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय किया गया है, जबकि मौजूदा दर 1,36,400 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। पिछले साल अक्तूबर में सर्किल दरों में 250 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया था।
दिल्ली सरकार का मानना है कि मौजूदा सर्किल दरें संपत्ति के वास्तविक बाजार मूल्य से काफी कम हैं, जिसके मद्देनजर उसने इसमें बढ़ोतरी का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने कहा, हमने संपत्ति की बाजार कीमतों को ध्यान में रखकर सर्किल दरों में बढ़ोतरी की है। इसके अलावा संपत्ति सौदों में काले धन के इस्तेमाल पर अंकुश के लिए भी यह कदम उठाया गया है। दिल्ली के राजस्व सचिव धरमपाल ने कहा कि सरकार ने संपत्ति खरीद-बिक्री में काला धन के प्रवाह को रोकने के लिए सर्किल दरों में वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि इस वृद्धि से सरकार को 200 करोड़ रुपये की आय प्राप्त होने की उम्मीद है।
वर्ष 2011-12 में दिल्ली सरकार ने संपत्तियों की रजिस्ट्री से 2,000 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे। चालू वित्त वर्ष में अब तक इस मद में 1,300 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है।