वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय को सावधान किया कि वह मनी लांड्रिंग के मामलों की जांच के दौरान ऐसा कुछ न करें कि वैध निवेश प्रभावित नहीं हो। चिदंबरम ने निदेशालय के अधिकारियों को महत्वपूर्ण मामलों पर ही ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा, हमें यह याद रखना होगा कि हम बिना सोच विचार के जांच तथा मुकदमा दायर कर आर्थिक गतिविधियों को बाधित न करें... सभी जायज व्यापार एवं निवेश गतिविधियों का पूरा आदर तथा संरक्षण करना होगा भले ही हम धन तथा धन शोधन से जुड़े अपराधों की जांच कर रहे हों।
वे यहां प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह फैसला करते समय सतर्कता बरतने की जरूरत है कि कौनसा मामला मनी लांड्रिंग कानून के अधीन आएगा, अन्यथा हमारे पास ऐसे मामलों की भरमार होगी जिनमें अभियोजन करना होगा।
प्रवर्तन निदेशालय विदेशी मुद्रा विनिमय उल्लंघन तथा मनी लांड्रिंग से जुड मामलों की जांच करता है। वह भारती वालमार्ट द्वारा फेमा नियमों के कथित उल्लंघन तथा सारदा ग्रुप द्वारा मनी लांड्रिंग मामले की जांच भी कर रहा है।
चिंदबरम ने कहा, व्यापार तथा निवेश, विशेषकर विदेशी निवेश ही अर्थव्यवस्था को चलाते हैं। निवेश दोनों तरफ से हो सकता है.. हमें विदेशी व्यापार को सुविधा देनी होगी। हमें निवेश को सुविधाजनक बनाना होगा। मंत्री ने कहा कि मानव व दवा तस्करी और आतंकवादी वित्तपोषण जैसे अपराधों के पीछे मनी लांड्रिंग रही है, उन्होंने इससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग का आह्वान किया।
चिदंबरम ने कहा, यह महत्वपूर्ण है कि दुनिया भर की एजेंसियां सहयोग करें, प्रौद्योगिकी बांटें, सूचनाओं का आदान प्रदान करें और दोषियों को पकड़ें। उन्होंने विदेशी मुद्रा विनिमय कानूनों का उल्लंघन करे वालों के खिलाफ निदेशालय के कड़े कदमों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि निदेशालय को मजबूत बनाने तथा रिक्तियां भरने की जरूरत है।