आयकर विभाग का करदाताओं के लिए महत्वाकांक्षी ओटीपी आधारित आईटीआर फाइलिंग प्रणाली 50 लाख ई-सत्यापन के आंकड़े को पार कर गया है। साथ ही 39 लाख से अधिक लोगों की आधार संख्या को पैन डेटाबेस के साथ जोड़ दिया गया है।
नई ई-फाइलिंग प्रणाली पिछले साल अमल में आई। इसके तहत एक व्यक्ति के आयकर रिटर्न का ऑनलाइन सत्यापन आधार संख्या, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम या ई-मेल का उपयोग कर किया जा सकता है। इसके साथ बेंगलुरु स्थित आयकर विभाग के केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) को भौतिक रूप से कागज भेजने की व्यवस्था समाप्त हो गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आईटीआर का ई-सत्यापन 50 लाख के आंकड़े को पार कर गया है। यह बताता है कि ज्यादा-से-ज्यादा लोग और इकाइयां अपने आयकर रिटर्न के लिए इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग का विकल्प अपना रही हैं। अधिकारी ने कहा कि कुल 50,10,282 आईटीआर का ई-सत्यापन किया गया, जबकि 'आधार' से जोड़े गऐ स्थायी खाता संख्या (पैन) की संख्या 39,66,149 पहुंच गई है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा पिछले वर्ष जुलाई में अधिसूचित नियमों के अनुसार कोई भी करदाता जिसकी सालाना आय 5 लाख रुपये या उससे कम है और कोई रिफंड नहीं है, वह ई-फाइलिंग के लिए सीधे इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड सृजित कर सकता है और अपने पंजीकृत मोबाइल संख्या तथा ई-मेल आईडी के जरिये अपने आईटीआर को प्रमाणित कर सकता है। उन्हें अपने आईटीआर की पुष्टि के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मिलता है।
हालांकि इस सरल विकल्प के साथ कुछ प्रतिबंध भी हैं, जिसे कर अधिकारियों ने संबद्ध करदाताओं के जोखिम मानदंड तथा मामला-दर-मामला के आधार पर तैयार किया जाता है। इन नए उपायों से भौतिक रूप से कागज यानी आईटीआर-5 डाक के जरिये बेंगलुरु स्थित सीपीसी को भेजने की जरूरत नहीं होगी।