ADVERTISEMENT

वित्तमंत्री अरुण जेटली बोले, आर्थिक स्थिति चुनौतीपूर्ण, उद्योग जगत का कर रियायत पर जोर

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अर्थव्यवस्था के हालात को चुनौतीपूर्ण बताया जबकि उद्योग जगत ने निवेश चक्र को तेजी से आगे बढ़ाने तथा आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कर रियायतों और सुधारों की दिशा में ठोस कदम उठाने पर जोर दिया।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी10:44 PM IST, 06 Jun 2014NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अर्थव्यवस्था के हालात को चुनौतीपूर्ण बताया जबकि उद्योग जगत ने निवेश चक्र को तेजी से आगे बढ़ाने तथा आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कर रियायतों और सुधारों की दिशा में ठोस कदम उठाने पर जोर दिया।

वित्तमंत्री के साथ दो घंटे से अधिक चली बजट पूर्व बैठक में उद्योगपतियों ने कर दरों को कम करने, सोने के आयात पर प्रतिबंधों में ढील देने, पिछली तिथि से कर संशोधन कानून के मामले में स्पष्टता लाने तथा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) कानून जल्द लागू करने पर जोर दिया।

उद्योग जगत ने व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को मौजूदा दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने और लाभांश पर न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) से छूट दिए जाने की भी वकालत की।

जेटली ने इस अवसर पर कहा 'इस समय आर्थिक स्थिति चुनौतीपूर्ण है।' हालांकि, उन्होंने इस परिस्थिति को भी अपने पक्ष में बदलने में उद्योग जगत द्वारा दिखाए गए उत्साह को स्वागत योग्य बताया।

जेटली ने आगे कहा कि यह एक 'रचनात्मक बैठक' रही। उन्होंने बेहतर परिणाम पाने के लिये अर्थव्यवस्था को एक दिशा दिए जाने पर भी जोर दिया।

बैठक में उद्योग संगठन फिक्की, एसोचैम, सीआईआई और पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष के अलावा भारतीय एंटरप्राइजिज के सुनील भारती मित्तल, बायकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ, एस्सार समूह के शशि रइया, सुजलॉन समूह के चेयरमैन तुलसी तांती और वीडियाकोन समूह के प्रमुख वीएन धूत भी उपस्थित थे।

उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष सिद्धार्थ बिड़ला ने कहा, 'सरकार को राजस्व जुटाने के लिए आक्रमक रवैया अपनाने से बचना चाहिए तथा वास्तविक और अनुकूल कर परिवेश उपलब्ध कराना चाहिए।'

एसोचैम अध्यक्ष राणा कपूर ने राजकोषीय मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि मजबूत वित्तीय स्थिति के साथ यदि दूसरे संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाया जाये तो आर्थिक वृद्धि की गति को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, 'राजकोषीय मजबूती सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर होनी चाहिए। अर्थव्यवस्था में वृद्धि और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन का उद्देश्य रखते हुए नीतिनिर्माण पर नियंत्रण का संकेत महत्वपूर्ण होगा।'

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष अजय श्रीराम ने अपनी प्रस्तुति में आयकर कानून में संशोधन पर जोर दिया। उनका सुझाव था कि आयकर कानून में पिछली तिथि से किए गए संशोधन को वापस लिया जाना चाहिए और सभी करों को आगे के लिए लागू किया जाना चाहिए।

निर्यातक संघों के महासंघ 'फियो' के अध्यक्ष रफीक अहमद ने निर्यात पर सेवा कर से छूट दिए जाने पर जोर दिया और कहा कि वित्तमंत्री ने संकेत दिया है कि बजट में कोई भी लोकलुभावन उपाय नहीं होंगे।

सुनील मित्तल ने कहा, 'उद्योगों ने निवेश धारणा में सुधार लाने पर जोर दिया। कर प्रावधानों को समझने और व्यवहार में सरल बनाने तथा इसमें आने वाली विसंगतियों को दूर करने का आग्रह किया।' दूरसंचार क्षेत्र के बारे में मित्तल ने कहा कि इस क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरूरत है तथा क्षेत्र में और स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी चाहिए।

बायकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने कहा, 'हमारा जोर विनिर्माण क्षेत्र पर रहा, इसके अलावा नवोन्त्पाद, उद्यमशीलता, रोजगार सृजन पर भी जोर दिया गया। मुख्य तौर पर सरकार अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने पर ध्यान दे रही है। इसके अलावा सेवा कर तथा रियायतों पर भी विचार विमर्श किया गया।'

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT