वित्तमंत्री पी चिदंबम ने कहा है कि सरकार जून अंत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा, कोयला मूल्य और ऊर्जा संयंत्रों को इसके आवंटन जैसे पहलुओं की समीक्षा करेगी।
चिदंबरम ने कहा कि पिछले साल सितंबर से सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों को तेज गति देने से संबंधित उपायों के अच्छे परिणाम दिखने लगे हैं और सरकार आने वाले दिनों में इस बाबत और कदम उठाने जा रही है।
उन्होंने कहा कि भारत की विकास की कहानी में लोगों का विश्वास बरकरार है। हालांकि वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि आर्थिक सुधार पर जारी पहल कोई वनडे मैच नहीं है, जहां हर गेंद पर आप छक्के लगने या विकेट गिरने की उम्मीद करें।
उन्होंने कहा कि फिच की इस बात से सहमत है कि और अधिक आर्थिक सुधारों की आवश्यकता है। सरकार बुनियादी मुद्दों को सुलझा रही है। मुद्रास्फीति नियंत्रण में है, जो अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि राजस्व लक्ष्य हासिल करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि रुपये की विनियम दर में गिरावट से घबराने की कोई बात नहीं। यह कुछ दिनों से हुए नुकसान को बराबर कर पुन: अपने स्तर पर आ पहुंच जाएगा। चिदंबरम ने कहा कि स्वर्ण आयात में भारी गिरावट आई है इसमें और कमी से मुझे खुशी होगी। हालांकि उन्होंने सोने पर आयात शुल्क में और बढ़ोतरी किए जाने की संभावना से इनकार किया।