सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों के बाद अब नोटबंदी का असर आटोमोबाइल सेक्टर पर भी दिखने लगा है. मंगलवार को छोटे-बड़े वाहनों की बिक्री पर सोसाइटी ऑफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्यूफैक्चररर्स ने जो आंकड़े जारी किए उसमें कहा गया है कि स्कूटर-मोटरसाइकिल से लेकर कारों तक की बिक्री दिसंबर 2016 में घटी है.
दिसंबर 2016 में कारें भी कम बिकीं और स्कूटर मोटरसाइकिल भी. यह बात सोसाइटी ऑफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्यूफैक्चररर्स की ताजा रिपोर्ट से सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2016 में दिसंबर 2015 के मुकाबले कारों की बिक्री 8.14% घटी है. जबकि इसी दौर में स्कूटर की बिक्री 26.38% घटी है और मोटरसाइकिल की बिक्री 22.5% कम हुई है.
रिपोर्ट में इसकी मुख्य वजह नोटबंदी को बताया गया है. सोसाइटी ऑफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्यूफैक्चररर्स के डायरेक्टर जनरल विष्णु माथुर ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, "गाड़ियों की बिक्री पर नोटबंदी का असर पड़ा है. इसका असर कुछ और समय तक रहेगा."
दिसंबर 2015 के मुकाबले दिसंबर 2016 में स्कूटर की बिक्री में गिरावट महत्वपूर्ण है. यह दिखाता है कि नोटबंदी के दौर में आम आदमी की स्कूटर खरीदने की क्षमता कमजोर हुई है...और इस 26% से ज्यादा की गिरावट का असर स्कूटर बाजार पर साफ दिखाई दे रहा है."
दरअसल असर पूरे आटोमोबाइल सेक्टर पर पड़ा है जिसमें दिसंबर 2016 में पिछले साल के दिसंबर के मुकाबले 18.66% गिरावट दर्ज हुई है. विष्णु माथुर कहते हैं, "हम ये उम्मीद करते हैं कि इस बार बजट में आटोमोबाइल सेक्टर के लिए कोई बुरी खबर नहीं होगी, बल्कि ऐसे फैसले लिए जाएंगे जिससे लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़े."
माइक्रो और लघु उद्योगों के संघ की रिपोर्ट के बाद यह दूसरी रिपोर्ट है जिसे सरकार को गंभीरता से लेने की जरूरत है.
यह इशारा है कि अर्थव्यवस्था का चक्का धीमा हो रहा है.