अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटने से देश में रोजगार की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है। उद्योग मंडल फिक्की का कारोबारी विश्वास सर्वेक्षण इस बारे में 2008-09 के वैश्विक संकट के बाद पहली बार नकारात्मक रुख दिखा रहा है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि रोजगार की संभावनाओं पर 2008-09 के बाद पहली बार मिले जवाब शुद्ध रूप से नकारात्मक हुए हैं। सर्वेक्षण में कहा गया है कि मौजूदा आर्थिक सुस्ती और उसके साथ रोजगार की संभावनाओं में नकारात्मक वृद्धि से अर्थव्यवस्था में रोजगार वृद्धि नकारात्मक रह सकती है।
फिक्की का कहना है कि आगामी महीनों में निवेश में भी गिरावट की संभावना है। सर्वेक्षण में शामिल 150 कंपनियों में से एक-चौथाई का मानना है कि अगले छह माह में निवेश में गिरावट आएगी। वहीं, 2011-12 की आखिरी तिमाही में यह बात कहने वालों की संख्या सिर्फ 11 फीसद थी।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि अप्रैल-जून की तिमाही में कारोबारी विश्वास सूचकांक 51.8 रहा है, जो बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 60.3 था।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि कंपनियां मौजूदा प्रदर्शन को लेकर खुश नहीं हैं और भविष्य को लेकर भी बहुत आशान्वित नहीं हैं। सर्वेक्षण में शामिल लगभग 50 प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत से कम रहेगी। इसमें कहा गया है कि मौजूदा सूखे की स्थिति की वजह से भी उद्योग प्रभावित होगा। यह सर्वेक्षण जुलाई से अगस्त के दौरान किया गया।