प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईडीबीआई बैंक के ऋण चूक मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या और उनकी एक कंपनी की 1,411 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा, 'हमने मनी लांड्रिंग रोधक कानून के तहत विजय माल्या और यूबी लिमिटेड की 1,411 करोड़ रुपये (बाजार मूल्य के हिसाब से) की संपत्तियां कुर्क की हैं।' माल्या की 'अस्थायी रूप से कुर्क' संपत्तियों में 34 करोड़ रुपये की बैंक जमा, बेंगलुरु और मुंबई में एक-एक फ्लैट (2,291 वर्ग फुट तथा 1,300 वर्ग फुट), चेन्नई में एक औद्योगिक प्लॉट (4.5 एकड़), कुर्ग में एक कॉफी बागान (28.75 एकड़), यूबी सिटी में एक आवासीय तथा वाणिज्यिक निर्मित क्षेत्र तथा बेंगलुरु में किंगफिशर टावर (84,0279 वर्ग फुट) शामिल हैं।
एजेंसी ने बयान में कहा कि यह आदेश इसलिए दिया गया है क्योंकि जांच में यह सामने आया है कि आरोपी ने कुछ संपत्तियों को 'बेच दिया' है, जिससे एजेंसी द्वारा आगे किसी कार्रवाई को हतोत्साहित किया जा सके। मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत किसी संपत्ति को कुर्क करने का उद्देश्य आरोपी को ऐसी संपत्ति का लाभ लेने से रोकना है। आरोपी इस कार्रवाई पर पीएमएलए के निर्णय लेने वाले प्राधिकरण के समक्ष 180 दिन में अपील कर सकता है।
निदेशालय ने आगे कहा कि कॉरपोरेट ऋण कमजोर वित्तीय स्थिति, नकारात्मक नेटवर्थ, निचली क्रेडिट रेटिंग और इसके बावजूद दिया गया कि किंगफिशर एयरलाइसंस एक नया ग्राहक है और वह बैंक की कॉरपोरेट ऋण नीति के नियमों को पूरा नहीं करता है। इस ऋण की मंजूरी कुछ अनावश्यक जल्दबाजी में दी गई।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)