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शेयर बाजार : तिमाही परिणाम पर रहेगी नजर

देश के शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह निवेशकों की नजर कंपनियों द्वारा घोषित किए जाने वाले तिमाही परिणामों पर रहेगी। सितंबर 2013 के लिए महंगाई के आंकड़े, अमेरिका में कर्ज सीमा पर चल रही खींचतान और आंशिक शटडाउन जैसे मामले भी शेयर बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगे।
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NDTV Profit हिंदी11:33 PM IST, 13 Oct 2013NDTV Profit हिंदी
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देश के शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह निवेशकों की नजर कंपनियों द्वारा घोषित किए जाने वाले तिमाही परिणामों पर रहेगी। सितंबर 2013 के लिए महंगाई के आंकड़े, अमेरिका में कर्ज सीमा पर चल रही खींचतान और आंशिक शटडाउन जैसे मामले भी शेयर बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगे।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) बुधवार, 16 अक्टूबर को बकरीद के मौके पर बंद रहेंगे।

कारोबारी कंपनियों के लिए मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के परिणाम आने शुरू हो चुके हैं। निवेश इस दौरान बारीकी से इन परिणामों पर गौर करेंगे और इनके साथ आने वाले भावी आय से संबंधित टिप्पणियों में निवेश की संभावनाएं तलाशेंगे।

अगले सप्ताह परिणाम की घोषणा करने वाली कंपनियों में सोमवार को इंडसइंड बैंक और आरआईएल के परिणामों की घोषणा होगी। मंगलवार को एचडीएफसी बैंक और टीसीएस के परिणाम आएंगे।

बुधवार को बजाज ऑटो, आईनॉक्स लीजर और माइंडट्री के परिणाम आएंगे। गुरुवार को एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक और साउथ इंडियन बैंक के परिणाम आएंगे। शुक्रवार को क्रिसिल और एलएंडटी जैसी कंपनियों के परिणाम आएंगे।

सरकार सोमवार 14 अक्टूबर को सितंबर 2013 के लिए थोक मूल्य और उपभोक्ता मूल्य पर आधारित महंगाई के आंकड़े जारी करेगी। उपभोक्ता महंगाई दर अगस्त में 9.52 फीसदी थी, जबकि खाद्य एवं पेय श्रेणी में महंगाई दर अगस्त में 11.06 फीसदी दर्ज की गई थी। थोक महंगाई दर अगस्त में 6.1 फीसदी दर्ज की गई थी।

भारतीय रिजर्व बैंक 29 अक्टूबर को मौजूदा कारोबारी साल की मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा की घोषणा करेगा।

अमेरिका में आंशिक शटडाउन का दूसरा सप्ताह पूरा होने को है और पूरी दुनिया में निवेशकों की निगाह अमेरिकी सांसदों की गतिविधियों पर टिकी है। कर्ज सीमा बढ़ाने की वित्त मंत्रालय की 17 अक्टूबर की समय सीमा पास आ चुकी है। यदि कर्ज सीमा नहीं बढ़ाई गई तो अमेरिका की सरकार 22 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच पैदा होने वाली देनदारी का भुगतान नहीं कर पाएगी और इससे अमेरिका की शाख बुरी तरह प्रभावित होगी।

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