विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों के अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन तथा पूंजीगत व टिकाऊ उपभोक्ता सामान का उठाव घटने के बीच अप्रैल महीने में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 3.1 फीसदी रह गई. केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल अप्रैल महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक आईआईपी 6.5 प्रतिशत रहा था.
संगठन ने मार्च महीने की औद्योगिक वृद्धि दर को संशोधित आंकड़े में बढ़ाकर 3.75 प्रतिशत किया है. पिछले महीने जारी मार्च के प्रारंभिक आंकड़ों में इसे 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था. सीएसओ के आंकड़ों के अनुसार सूचकांक में 77.63 फीसदी भागीदारी वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अप्रैल महीने में 2.6 फीसद रही जो कि अप्रैल 2016 में 5.5 फीसद रही थी.
इसी तरह खनन क्षेत्र का उत्पादन अप्रैल महीने में 4.2 फीसदी रहा जो एक साल पहले समान महीने में 6.7 फीसदी था. इसी तरह बिजली उत्पादन आलोच्य महीने एक साल पहले से 5.4 फीसदी बढ़ा. अप्रैल 2017 में बिजली उत्पादन की वृद्धि 14.4 फीसदी थी. पूंजीगत सामान खंड का उत्पादन अप्रैल महीने में 1.3 फीसद घटा जो एक साल पहले 8.1 फीसद बढ़ा था. टिकाऊ उपभोक्ता सामान का उत्पादन अप्रैल महीने में छह फीसदी घटा, जबकि एक साल पहले यह 13.8 फीसदी बढ़ा था.
उपयोग आधारित वर्गीकरण के हिसाब से प्राथमिक वस्तुओं की उत्पादन वृद्धि दर अप्रैल महीने में 3.4 फीसदी, माध्यिमक वस्तु उद्योग की वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत और बुनियादी ढांचा निर्माण क्षेत्र की वृद्धि 5.8 प्रतिशत रही. आलोच्य माह में गैर टिकाऊ उपभोक्ता माल उद्योगों की वृद्धि 8.3 प्रतिशत रही. कुल मिलाकर उपभोक्ता वस्तु उद्योग की उत्पादन वृद्धि 5.8 प्रतिशत रही. इस दौरान विनिर्माण उद्योगों के 23 वर्गों में से 14 वर्ग के उद्योगों का उत्पादन अप्रैल में एक साल पहले से ऊंचा रहा.
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