ADVERTISEMENT

फरीदाबाद की कलपुर्जों की फैक्ट्रियां संकट में, करीब 25 फीसदी कारोबार घटा

लॉकडाउन (Lockdown) के चलते देशभर में इंडस्ट्री की हालत अच्छी नहीं है. फरीदाबाद (Faridabad) में ट्रक, कार और मोटरसाइकिल के पार्ट्स बनाने की छोटी-बड़ी पांच हजार फैक्ट्रियां हैं जहां दो से तीन लाख लोगों को रोजगार मिलता है. लेकिन अनुमान है कि इस साल इनका काम 20 से 25 फीसदी तक कम हो गया है. फरीदाबाद में फैक्ट्रियों में मोटरसाइकिल से लेकर ट्रेन तक के कलपुर्जे तैयार होते हैं. इन फैक्ट्रियों में तीन लाख से ज्यादा मजदूर काम करते हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी05:53 PM IST, 02 Sep 2020NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

लॉकडाउन (Lockdown) के चलते देशभर में इंडस्ट्री की हालत अच्छी नहीं है. फरीदाबाद (Faridabad) में ट्रक, कार और मोटरसाइकिल के पार्ट्स बनाने की छोटी-बड़ी पांच हजार फैक्ट्रियां हैं जहां दो से तीन लाख लोगों को रोजगार मिलता है. लेकिन अनुमान है कि इस साल इनका काम 20 से 25 फीसदी तक कम हो गया है. फरीदाबाद में फैक्ट्रियों में मोटरसाइकिल से लेकर ट्रेन तक के कलपुर्जे तैयार होते हैं. इन फैक्ट्रियों में तीन लाख से ज्यादा मजदूर काम करते हैं. 

साकेत भाटिया का परिवार बाइक और कार के कलपुर्जे बनाने का काम बीते तीस साल से कर रहा है. लेकिन लॉकडाउन से पहले ही ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की हालत अच्छी नहीं थी, अब CII के आंकड़े और ज्यादा चिंता बढ़ा रहे हैं.

बॉनी पॉलिमर लिमिटेड के मालिक साकेत भाटिया ने कहा कि ''देखिए  इस साल करीब 25 फीसदी कारोबार हमारा कम रहेगा. इसके चलते जो हमारा उद्योग बढ़ाने और इनवेस्टमेंट का प्लान फिलहाल नहीं है.'' साकेत भाटिया के अनुमान की तस्दीक करने के लिए हमने देशभर की नई गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा जुटाया तो हालात चिंताजनक लग रहे हैं. इस साल मार्च में जहां 23 लाख गाड़ियां रजिस्टर्ड हुईं वहीं अप्रैल में महज 3.5 लाख, मई में केवल दो लाख, जून में 10 लाख ही हुए.  

साकेत भाटिया और ऑटो इंडस्ट्री के आंकड़े बता रहे हैं कि फरीदाबाद के ऑटो उद्योग में काम करने वाले एक लाख से ज्यादा नौकरियों पर खतरा है इसी के चलते फरीदाबाद में मजदूरों को निकालने के विरोध में महीने भर तक धरना देने वाले वाले फरीदाबाद के विधायक नीरज शर्मा बताते हैं कि आज की मुख्य समस्या बेरोजगारी है. नीरज शर्मा ने कहा कि कुछ मदर यूनिट पलायन कर चुके हैं इसकी वजह से बेरोजगारी बढ़ी है. सबसे बड़ी समस्या लेकर लोग आते हैं. 

फरीदाबाद में छोटे-बड़े 25 हजार उद्योगों में पांच लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं और औसतन चार हजार करोड़ राजस्व मिलता है. फरीदाबाद इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रेसीडेंट बीआर भाटिया बताते हैं कि सरकार को बिजली के फिक्स चार्जेज कम करने के साथ ही ऑटो सेक्टर के कलपुर्जे में GST कम करना चाहिए. बीआर भाटिया ने कहा कि ''लॉकडाउन के चलते दो महीने तक काम बंद था तो फैक्ट्रियों के दो महीने के फिक्स चार्ज को भी माफ करना चाहिए जिससे छोटे उद्योगों को कुछ राहत मिले, सबसे पहले बिजली.''

कोढ़ में खाज ये है कि ट्रांसपोर्ट व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और अकेले ट्रक व्यवसाय से जुड़े 40 लाख लोगों के रोजगार पर असर पड़ने की संभावना है. लॉकडाउन का असर पूरी दुनिया के व्यवसाय पर बुरी तरह पड़ा है लेकिन सरकार को इस नाउम्मीदी से निपटने के लिए एक बड़े प्लान और ईमानदार कोशिश की जरूरत है तभी व्यवसाय और उससे जुड़े रोजगार को बचाया जा सकता है.

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT