देश के उद्योग जगत ने शुक्रवार को बहुब्रांड रिटेल में 51 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के सरकार के फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे सुधारों की वापसी का संकेत मिलता है।
भारतीय उद्योग परिसंघ ने एक बयान जारी करके कहा, 'बहुब्रांड रिटेल, नागरिक उड्डयन, पावर ट्रेडिंग एक्सचेंज और प्रसारण जैसे विविध क्षेत्रों में एफडीआई नियमों में ढील देने के सरकार के फैसले से न सिर्फ उन क्षेत्रों में लाभ मिलेगा, बल्कि इससे माहौल भी सुधरेगा।'
बयान में कहा गया, 'इन क्षेत्रों में एफडीआई की सीमा बढ़ाने के फैसले से इन क्षेत्रों में पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी, जिसकी देश को जरूरत है और इससे चालू खाता घाटा की स्थिति में भी सुधार होगा, जो खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। नीतिगत आधार पर बिते दो दिनो के फैसले से लगता है कि सुधारों की वापसी हो चुकी है।'
फेडरेशन ऑफ चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने कहा कि फैसले से पता चलता है कि सरकार ने रिटेल क्रांति शुरू करने का संकल्प ले लिया है। फैसले से निवेशकों को भी यह संकेत मिला है कि भारत सुधार के लिए कटिबद्ध है।
चैम्बर के अध्यक्ष आरवी कनोरिया ने कहा, 'इस फैसले के कई लाभ सामने आएंगे। कृषि की मूल्य शृंखला में नई प्रौद्योगिकी का प्रवेश होगा और बैक एंड आधारभूत संरचना में भी सुधार होगा।'