ADVERTISEMENT

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिए GST स्लैब में कटौती के संकेत  

जेटली ने सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नॉरकोटिक्स पर राष्ट्रीय अकादमी (एनएसीआईएन) के कार्यक्रम में कहा, 'हमारे पास इसमें सुधार करने की गुंजाइश है.
NDTV Profit हिंदीNDTVKhabar News Desk
NDTV Profit हिंदी06:35 PM IST, 01 Oct 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिया है कि राजस्व की स्थिति बेहतर होने के बाद माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत स्लैब में कटौती की जा सकती है. जेटली ने सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नॉरकोटिक्स पर राष्ट्रीय अकादमी (एनएसीआईएन) के कार्यक्रम में कहा, 'हमारे पास इसमें सुधार की गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि छोटे करदाताओं के मामले में अनुपालन का बोझ कम किया जा सकता है. 

यह भी पढ़ें : नोटबंदी के बाद जीएसटी की मार, चौपट हुआ धंधा, व्यापारियों में त्योहार को लेकर फीका पड़ा उत्साह

सुधार की है गुंजाइश
वित्त मंत्री ने कहा, 'हमारे पास सुधार की गुंजाइश है. एक बार हम राजस्व की दृष्टि से तटस्थ बनने के बाद बड़े सुधारों के बारे में सोचेंगे. मसलन कम स्लैब. हालांकि इसके लिए हमें राजस्व की दृष्टि से तटस्थ स्थिति हासिल करनी होगी. फिलहाल जीएसटी 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार कर स्लैब हैं. वित्त मंत्री ने अप्रत्यक्ष कर का बोझ समाज के सभी वर्गों द्वारा उठाया जाता है. सरकार का हमेशा से यह प्रयास है कि अधिक उपभोग वाले जिंसों पर कर दरों को नीचे लाया जाए. 

यह भी पढ़ें : यशवंत सिन्हा के बवाल के बीच शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम नरेंद्र मोदी को भेजा यह संदेश

जेटली ने कहा कि प्रत्यक्ष कर का भुगतान समाज के प्रभावी वर्ग द्वारा किया जाता है. अप्रत्यक्ष कर का बोझ निश्चित रूप से सभी पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में राजकोषीय नीति के तहत हमेशा यह प्रयास किया जाता है कि ऐसे जिंस जिनका उपभोग आम लोगों द्वारा किया जाता है, तो उन पर अन्य की तुलना में कर की दर कम होनी चाहिए. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत परंपरागत रूप से कर अनुपालन न करने वाले समाज है. भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 67वें बैच के अधिकारियों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व कामकाज के संचाल और सभी विकास गतिविधियों की जीवनरेखा है.

VIDEO:  व्यापारियों में त्योहार को लेकर फीका पड़ा उत्साह

जेटली ने कहा, 'जिनपर कर लगाने का मामला नहीं बनता है, कर अधिकारी के रूप में आप उनसे कर की उगाही नहीं कर सकते. आपका काम किसी के मन में भय पैदा करना नहीं, बल्कि सम्मान हासिल करना है. आपको दिखाना है आप चाहते हैं कि लोग अपने राष्ट्रीय कर्तव्य का अनुपालन करें. 

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT