वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के चार बड़े बैंकों से वैश्विक आकार का बैंक बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए छोटे, मझौले बैंकों का अधिग्रहण करने की संभावनाएं खंगालने का सुझाव दिया है. सूत्रों ने बताया कि एक संभावना यह है कि पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया जैसे सार्वजिक क्षेत्र के बैंक अधिग्रहण के लिए संभावित प्रत्याशी ढूंढने की कोशिश कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अनौपचारिक रूप से वित्त मंत्रालय ने उन्हें संकेत दिया है कि उन्हें विलय एवं अधिग्रहण की संभावना का अध्ययन करना चाहिए, ताकि वे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) जैसा आकार ग्रहण कर पाएं.
सूत्रों ने कहा कि क्षेत्रीय असंतुलन, भौगोलिक पहुंच, वित्तीय बोझ और सुचारू मानव संसाधन परिवर्तन जैसे कारक हैं, जिन पर विलय का फैसला करते समय गौर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बिल्कुल ही कमजोर बैंक का मजबूत बैंक के साथ विलय नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे बड़े बैंक की स्थिति बिगड़ सकती है.
हालांकि स्पष्ट तस्वीर तभी उभरकर सामने आएगी, जब नीति आयोग की रिपोर्ट बैकिंग क्षेत्र में विलय एवं अधिग्रण के दूसरे दौर के रोडमैप की दिशा एवं दशा तय करेगी. पिछले विलय एवं अधिग्रहण अभियान में पांच सहयोगी बैंक एवं भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) 1 अप्रैल, 2017 को एसबीआई का हिस्सा बन गए थे. इस तरह देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों की जमात में शामिल हो गया.
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