ADVERTISEMENT

वर्ष 2018 से हो सकता है वित्त वर्ष में बदलाव, नवंबर में पेश हो सकता है आम बजट

वर्ष 2018 से देश में वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल के बजाय जनवरी से हो सकती है. सरकार इसकी तैयारी में लगी है. इसके साथ ही देश में 150 साल से चली आ रही अप्रैल-मार्च की वित्त वर्ष की परंपरा में बदलाव हो सकता है.
NDTV Profit हिंदीBhasha
NDTV Profit हिंदी02:01 AM IST, 27 Jun 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

वर्ष 2018 से देश में वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल के बजाय जनवरी से हो सकती है. सरकार इसकी तैयारी में लगी है. इसके साथ ही देश में 150 साल से चली आ रही अप्रैल-मार्च की वित्त वर्ष की परंपरा में बदलाव हो सकता है. यदि ऐसा होता है तो केंद्र का अगला बजट इस साल नवंबर में पेश हो सकता है.

सूत्रों के मुताबिक, सरकार वित्त वर्ष को कैलेंडर वर्ष के अनुरूप बदलने पर काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बदलाव की वकालत की है. यह एक और ऐतिहासिक बदलाव होगा. सरकार इससे पहले बजट को फरवरी महीने की अंतिम तारीख को पेश करने की दशकों पुरानी परंपरा को बदल चुकी है. इस साल बजट एक फरवरी को पेश किया गया.

ऐसे में वित्त वर्ष को बदलने के जिस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया जा रहा है उसके मुताबिक संसद का बजट सत्र दिसंबर से काफी पहले हो सकता है ताकि बजट प्रक्रिया को साल के अंत से पहले पूरा किया जा सके.

सूत्रों ने कहा कि बजट प्रक्रिया को पूरा करने में दो माह का समय लगता है. ऐसे में बजट सत्र की संभावित तारीख नवंबर का पहला सप्ताह हो सकती है. भारत में वित्त वर्ष एक अप्रैल से 31 मार्च तक होता है. इस व्यवस्था को 1867 में अपनाया गया था जिससे भारतीय वित्त वर्ष का ब्रिटिश सरकार के वित्त वर्ष से तालमेल किया जा सके.

उससे पहले तक भारत में वित्त वर्ष की शुरआत एक मई को शुरू होकर 30 अप्रैल तक होती थी. प्रधानमंत्री मोदी के वित्त वर्ष का कैलेंडर वर्ष से मेल करने की इच्छा जताने के बाद सरकार ने पिछले साल एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया. समिति को वित्त वर्ष को एक जनवरी से शुरू करने की व्यवहारिता का अध्ययन करने को कहा गया. समिति ने दिसंबर में अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री को सौंप दी.

उधर, नीति आयोग के एक नोट में भी कहा गया है कि वित्त वर्ष में बदलाव जरूरी है क्योंकि, मौजूदा प्रणाली में कामकाज के सत्र का उपयोग नहीं हो पाता. कुछ महीने पहले संसद की वित्त पर स्थायी समिति ने भी वित्त वर्ष को स्थानांतरित कर जनवरी-दिसंबर करने की सिफारिश की थी.

मोदी ने वित्त वर्ष में बदलाव की वकालत करते हुए कहा था कि एक तेजर्तार व्यवस्था विकसित किए जाने की जरूरत है, जो विविधता के बीच काम कर सके. उन्होंने कहा था, समय के खराब प्रबंधन की वजह से कई अच्छी पहल और योजनाएं वांछित नतीजे देने में विफल रहती हैं. वित्त वर्ष को जनवरी-दिसंबर करने की घोषणा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV Profit हिंदी
लेखकBhasha
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT