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रेटिंग एजेंसी फिच ने फिर नहीं बदली भारत की रेटिंग, 11 साल से एक ही स्तर पर बरकार

सरकारी खजाने की कमजोर स्थिति का हवाला देते हुए वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने भारत के लिए अपनी सरकारी रेटिंग मंगलवार को ‘बीबीबी-’ पर अपरिवर्तित रखी साथ ही भावी परिदृश्य को स्थिर बताया. वर्तमान रेटिंग का स्तर निवेश कोटि में सबसे नीचे है और इस अमेरिकी एजेंसी ने भारत को यह एजेंसी लगभग एक दशक पहले दी थी और तब से इसमें कोई बदलाव नहीं किया है.
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NDTV Profit हिंदी02:33 AM IST, 03 May 2017NDTV Profit हिंदी
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सरकारी खजाने की कमजोर स्थिति का हवाला देते हुए वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने भारत के लिए अपनी सरकारी रेटिंग मंगलवार को ‘बीबीबी-’ पर अपरिवर्तित रखी साथ ही भावी परिदृश्य को स्थिर बताया. वर्तमान रेटिंग का स्तर निवेश कोटि में सबसे नीचे है और इस अमेरिकी एजेंसी ने भारत को यह एजेंसी लगभग एक दशक पहले दी थी और तब से इसमें कोई बदलाव नहीं किया है. एजेंसी का अनुमान कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017 व 2018 में बढ़कर 7.7 प्रतिशत हो जाएगी जो कि वित्त वर्ष 2016 में 7.1 प्रतिशत रही थी.

भारत में सरकार व अनेक विश्लेषक वैश्विक एजेंसियों द्वारा दी जाने वाली रेटिंग पर सवाल उठाते रहे हैं और उनका तक है कि बलते कुछ वष्रों में देश की आर्थिक बुनियाद में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है लेकिन उक्त रेटिंग एजंेसिया इस पर जैसे ध्यान ही नहीं दे रही हैं.  उल्लेखनीय है कि सरकार ने अपनी आर्थिक समीक्षा 2017 में भी चीन की तुलना में भारत की रेटिंग तय करने में ‘भिन्न’ मानकों का पालन करने के लिए रेटिंग एजेंसियों की आलोचना की थी. इसमें कहा गया था कि ये एजेंसियां जीएसटी जैसी सुधारों को अपनी ‘गणना’ में शामिल नहीं कर रही जो कि उनकी खराब ‘साख’ को ही परिलक्षित करता है.

फिच ने इससे पहले भारत की सरकारी रेटिंग को एक अगस्त 2006 में बीबी प्लस से बीबीबी- (स्थिर परिदृश्य के साथ) किया था. बाद में 2012 में उसने इसे बदलकर नकारात्मक किया और उसके अगले साथ स्थिर परिदृश्य वाला कर दिया.

फिच ने एक नोट में कहा है,‘ सरकारी बांडों की बीबीबी- रेटिंग में मजबूत मध्यावधि वृद्धि पदिृश्य तथा अनुकूल बाह्य संतुलनों के साथ साथ कमजोर राजकोषीय स्थिति तथा कठिन व्यावसायिक वातावरण के बीच बीच संतुलन साधने वाली है.’ फिच ने कहा है,‘ हालांकि, ढांचागत सुधार एजेंडे के लगातार विस्तार व कार्यानवयन के साथ कारोबार के माहौल में सुधार की संभावना है.’  

फिच को लगता है कि ढांचागत सुधारों से वृद्धि बढेगी. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन से खर्च करने योग्य आय बढ़ने तथा औसत मानसून का भी सकारात्मक असर सामने आएगा. एजेंसी का कहना है कि स्थिर परिदृश्य का मतलब है कि रेटिंग में उतार-चढ़ाव का जोखिम मोटे तौर पर संतुलित रहेगा. इंडिया की ‘बीबीबी-’ की यह रेटिंग निवेश ग्रेड रेटिंग में सबसे नीचे वाली ग्रेडिंग में है और ‘जंक ग्रेड’ से सिर्फ एक पायदान ऊपर है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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