देश की सरकार के पास आय के साधन के तौर पर कुछ मुख्य स्रोतों में एक आयकर भी होता है. आयकर से प्राप्त धन से सरकार लोगों के हितों के काम करती है. सब्सिडी देती है और विकास की परियोजनाओं में पैसे लगाती है. इसके अलावा कर्मचारियों का वेतन आदि सब आय से होता है. सरकार अपने नागरिकों पर आयकर के अलावा भी कई प्रकार के डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स लगाती है.
डायरेक्स टैक्स में आयकर भी आता है. हर साल के टैक्स के भरने की आखिरी तारीख के करीब आते ही आयकर की धारा 80सी खूब चर्चा में आ जाती है. क्या है धारा 80सी? वित्तीय वर्ष के अंत में इसकी क्यों ज्यादा चर्चा होती है?
समझें धारा 80सी को
आयकर की धारा 80सी दरअसल इनकम टैक्स एक्ट 1961 का हिस्सा है. इसमें उन निवेश माध्यमों का उल्लेख है, जिनमें निवेश कर आयकर में छूट का दावा किया जा सकता है. कई लोग वित्त वर्ष खत्म होने से पहले टैक्स बचाने के लिए निवेश करना शुरू करते हैं, जिससे साल के आखिरी महीनों में धारा 80सी ज्यादा चर्चा में रहती है.
आयकर की धारा 80सी के बारे में 5 बातें -