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फ्लिपकार्ट निकाल रही है कर्मियों को, खराब प्रदर्शन वालों से नौकरी ढूंढने को कहा गया

फ्लिपकार्ट के बयान के मुताबिक, "उन कर्मचारियों को, जो प्रदर्शन के हमारे स्तर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, कहा जा रहा है कि वे कंपनी से बाहर अवसरों की तलाश करें, जहां उनकी क्षमताओं का बेहतर इस्तेमाल किया जा सके..." बयान में यह भी कहा गया है कि इंटरनेट कंपनियों में 'ऐसा आमतौर पर किया जाता रहा है...'
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NDTV Profit हिंदी03:37 PM IST, 29 Jul 2016NDTV Profit हिंदी
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सात करोड़ अमेरिकी डॉलर में फैशन वेबसाइट 'जाबॉन्ग' (Jabong) को खरीदने की घोषणा करने के कुछ ही दिन बाद भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने यह भी घोषणा कर दी है कि वह कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है। फ्लिपकार्ट ने एक बयान में कहा है कि वह उन लोगों से नौकरी छोड़कर जाने के लिए कह रही है, जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे, हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया है कि वह कितने लोगों को निकालने जा रही है।

बयान के मुताबिक, "उन कर्मचारियों को, जो प्रदर्शन के हमारे स्तर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, कहा जा रहा है कि वे कंपनी से बाहर अवसरों की तलाश करें, जहां उनकी क्षमताओं का बेहतर इस्तेमाल किया जा सके..." बयान में यह भी कहा गया है कि इंटरनेट कंपनियों में 'ऐसा आमतौर पर किया जाता रहा है...'

दरअसल दुनियाभर में ई-कॉमर्स कंपनियों के मूल्यांकनों में आती गिरावट के साथ-साथ घरेलू प्रतिद्वंद्वियों व अमेज़न (Amazon.com Inc) जैसी विदेशी साइटों से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा की वजह से ई-कॉमर्स कंपनियां काफी दबाव में हैं।

वर्ष 2007 में लॉन्च हुई फ्लिपकार्ट ने इसी सप्ताह की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह ऑनलाइन फैशन रीटेलर जाबॉन्ग को सात करोड़ डॉलर नकद देकर खरीद रही है। जाबॉन्ग को खरीद रही फ्लिपकार्ट की इकाई मिन्त्रा (Myntra) ने कहा कि दोनों साइटों को मिलाकर अब उनके पास डेढ़ करोड़ मासिक एक्टिव यूज़र होंगे।

मिन्त्रा को भी पिछले ही साल फ्लिपकार्ट ने तीन करोड़ डॉलर में खरीदा था, लेकिन अब वह फ्लिपकार्ट के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों स्नैपडील (Snapdeal) और अमेज़न से मुकाबला करने के लिए मजबूत स्थिति में है, जबकि अमेज़न ने भारतीय बाज़ार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए पांच अरब डॉलर से भी ज़्यादा का निवेश करने की योजना बनाई है।

इसी साल जनवरी में फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल ने सचिन बंसल के स्थान पर कंपनी का शीर्ष पद संभाला था। उससे पहले तक बिन्नी कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर थे। बताया जाता है कि अब उनका सारा ध्यान लागत को कम करने पर है, ताकि जापान के सॉफ्टबैंक की मदद से चल रही स्नैपडील और अमेज़न जैसे प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला किया जा सके। दिलचस्प तथ्य यह है कि दोनों ही बंसल पहले अमेज़न.कॉम में काम कर चुके हैं, और दोनों में कोई रिश्तेदारी नहीं है।

सेलफोन से लेकर सूटकेस तक सब कुछ बेचने वाली फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन इस साल की शुरुआत में 15 अरब डॉलर से घटकर 11 अरब डॉलर रह गया था। फ्लिपकार्ट और उनके सभी प्रतिद्वंद्वियों की निगाह छोटे शहरों में रहने वालों करोड़ों लोगों पर टिकी हुई हैं, जो स्थानीय बाज़ारों में नहीं मिल पाने वाली चीज़ें खरीदने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग की तरफ मुड़ रहे हैं।

बहरहाल, ज़ोरदार प्रतिद्वंद्विता के चलते भारी डिस्काउंट दे-देकर ग्राहकों को अपनी तरफ खींचने के कारण फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और अमेज़न का घाटा बढ़ने लगा है, और उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि फंडिंग मिलना भी मुश्किल होता जा रहा है।

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