खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम का अर्थव्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
थॉमस ने बताया, हम खाद्य सुरक्षा अध्यादेश लेकर आए और इसे विधेयक के तौर पर लोकसभा में पारित कर दिया गया है। विधेयक में ऐसा कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हो। सरकार ने खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के चलते इस साल राजकोषीय घाटे में तेज बढ़ोतरी की आशंकाओं को खारिज किया है। इस योजना को चलाने में एक वित्त वर्ष में अनुमानित 1,27,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जबकि इस साल इससे काफी कम की जरूरत होगी, क्योंकि इस वित्त वर्ष में पांच माह बीत चुके हैं।
चालू वर्ष के बजट में करीब 90,000 करोड़ रुपये का प्रावधान खाद्य सब्सिडी के तौर पर पहले ही किया जा चुका है, जिसमें 10,000 करोड़ रुपये नए कार्यक्रम के लिए शामिल है और यह किसी भी स्थिति में इस स्तर को पार नहीं करेगा।
थॉमस ने कहा, हालांकि, यदि पीडीएस में सुधार लाकर 25.30 प्रतिशत लीकेज दूर कर ली जाती है तो सब्सिडी और नीचे आ सकती है।