सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) सहित सभी प्राकृतिक गैस उत्पादकों को दिए जाने वाले गैस का मूल्य अक्तूबर में 20 प्रतिशत घटकर 2.5 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट हो सकता है. दाम में यह गिरावट दुनिया में गैस के गिरते दाम के अनुरूप होगी. ओएनजीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डीके सर्राफ ने यह बात कही.
पिछले 18 माह के दौरान गैस के दाम में यह चौथी कटौती होगी. सरकार ने अक्तूबर, 2014 में गैस मूल्य निर्धारण का जो फार्मूला तय किया था उसीके अनुरूप ये दाम तय हुए हैं.
सर्राफ ने कहा कि ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मौजूदा तेल उत्पादक क्षेत्रों से निकलने वाली प्राकृतिक गैस का दाम एक अक्तूबर 2016 से घटकर 2.5 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) रह सकता है. वर्तमान में दाम 3.06 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू पर है.
सर्राफ ने कहा, ‘‘सामान्य घरेलू गैस का दाम कम हो रहा है, क्योंकि यह दाम कुछ बाजारों से जुड़ा है. हमारे पास कनाडा और अमेरिकी मूल्य है. इनमें भी दाम नीचे आ रहे हैं,’’ वर्तमान राजग सरकार ने अक्तूबर 2014 में गैस मूल्य का नया फार्मूला तय किया था. उसके मुताबिक गैस के दाम हर छह माह में संशोधित किए जाएंगे और इस लिहाज से गैस का अगला मूल्य निर्धारण 1 अक्तूबर से होना है.
इससे पहले 1 अप्रैल को गैस का दाम 3.06 डालर हुआ था. इससे पहले यह 3.82 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू था. पिछले साल एक अक्तूबर को प्राकृतिक गैस का दाम 4.66 डॉलर से घटाकर 3.82 डॉलर प्रति बैरल पर आये थे.
1 अक्तूबर को गैस के दाम में और गिरावट से तेल एवं गैस उत्पादक कंपनियों पर दबाव और बढ़ जाएगा. तेल एवं गैस की खोज में लगी कंपनियों के लिए मौजूदा मूल्य उनके निवेश में उत्साह बढ़ाने के लिए काफी नहीं हैं.
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