रुपये के अवमूल्यन को रोकने तथा चालू खाते के घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.7 प्रतिशत पर रखने के प्रयासों के तहत सरकार ने आज सोने, चांदी तथा प्लैटिनम पर आयात शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है।
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, स्टैंडर्ड सोने तथा प्लैटिनम पर मूल सीमा शुल्क 8 से बढ़ाकर 10 प्रतिशत चांदी पर शुल्क 6 से बढ़ाकर 10 फीसदी किया गया है। इसके साथ ही सरकार ने स्वर्ण अयस्क, कन्सनट्रेट, अर्धशोधित सोने की छड़ तथा अर्धशोधित चांदी की छड़ों पर आयात शुल्क की दर 7 से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि इससे वित्त वर्ष की शेष अवधि में सरकार को 4,830 करोड़ रपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है।
सरकार द्वारा सोने पर आयात शुल्क बढ़ाने के फैसले से सोने के दाम 600 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़ जाएंगे।
इसके अलावा सरकार ने सोने के अयस्क अथवा कन्सनट्रेट तथा सोने-चांदी की अर्धपरिष्किृत छड़ों या कॉपर स्मेल्टिंग के दौरान उत्पादित परिष्कृत सोने की छड़ों पर उत्पाद शुल्क 7 से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया।
अधिसूचना में कहा गया है कि चांदी के अयस्क या कन्सनट्रेट, चांदी-सोने की अर्धशोधित छड़ या तांबा जस्ता या सीसे की स्मेल्टिंग के दौरान विनिर्मित चांदी पर उत्पाद शुल्क 4 से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया है। इन अधिसूचनाओं को आज संसद के पटल पर रख दिया गया।
एक आधिकारिक अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में देश में सोने का आयात घटकर 850 टन रहने का अनुमान है, जो 2012-13 में 950 टन रहा था।
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा था कि सरकार रुपये में गिरावट तथा चालू खाते के घाटे (कैड) को सकल घरेलू उत्पाद के 3.7 प्रतिशत पर रखने के लिए बहुमूल्य धातुओं की मांग कम करने के उपाय करेगी। यह कदम वित्त मंत्री की इस घोषणा के बाद ही उठाए गए हैं। वित्त वर्ष 2012-13 कैड अपने सर्वकालिक उच्च स्तर जीडीपी के 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गया था।