समाप्त वित्त वर्ष के दौरान सोना और चांदी का आयात एक साल पहले के मुकाबले 40 प्रतिशत घटकर 33.46 अरब डॉलर रह गया।
सरकार द्वारा चालू खाते के घाटे को कम रखने के लिए इन कीमती धातुओं के आयात पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने की वजह से यह गिरावट आई है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2012-13 में सोना चांदी का कुल आयात 55.79 अरब डॉलर का हुआ था।
मार्च, 2014 में देश में दोनों कीमती धातुओं का आयात 17.27 प्रतिशत घटकर 27.58 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी माह में 33.33 अरब डॉलर रहा था। सोने चांदी के आयात में कमी का असर देश के व्यापार घाटे पर भी देखा गया।
समाप्त वित्त वर्ष 2013-14 में व्यापार घाटा कम होकर 138.59 डॉलर रह गया। इससे पहले, देश का चालू खाते का घाटा वर्ष 2012-13 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के समक्ष 4.8 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया था। पेट्रोलियम उत्पादों एवं सोने का आयात बढ़ने के कारण देश के चालू खाते के घाटे में यह वृद्धि हुई थी।
देश में समय विशेष के दौरान आने वाली विदेशी मुद्रा के मुकाबले यदि उस अवधि में बाहर जाने वाली विदेशी मुद्रा की मात्रा अधिक होती है, तो ऐसी स्थिति में चालू खाते में घाटा होता है। इस घाटे के बढ़ने से घरेलू मुद्रा पर दबाव बढ़ता है, रुपये में गिरावट आती है, जिससे आयात महंगा होता है और महंगाई बढ़ती है।