इस साल करीब 16 प्रतिशत की बढ़त हासिल करने के बाद सोने की कीमतों के निकट भविष्य में 32,000 का स्तर पार कर पाने की संभावना नहीं दिखती।
बाजार विशेषज्ञों ने कहा है कि साल के अंत में मुनाफावसूली और अमेरिका में राजकोषीय स्थिति मजबूत करने को लेकर जारी वार्ता के बीच निवेशकों द्वारा सतर्कता बरतने से सोने में तेज उछाल आने की संभावना नहीं है।
कोटक कमोडिटी सर्विसेज की विश्लेषक माधवी मेहता ने बताया, पिछले दो सप्ताह के दौरान सोने में कुछ गिरावट देखी गई। मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए सोने का भाव 30,500 से 31,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के दायरे में रहने की संभावना है।
शुक्रवार को मुंबई सर्राफा बाजार में शुद्ध सोने (99.9 शुद्धता) का भाव 60 रुपये मजबूत होकर 31,140 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए कामट्रेंड्ज रिसर्च के निदेशक ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा कि यह साल खत्म होने को है, इसलिए मुनाफावसूली के चलते भाव में कुछ तकनीकी कमजोरी रहेगी। उन्होंने कहा कि साल के दौरान सोने की कीमतें 15.16 प्रतिशत तक मजबूत हो चुकी हैं, इसलिए कीमतें अब टूट रही हैं।