ADVERTISEMENT

ईपीएफओ (EPFO) अंशधारकों के लिए खुशखबरी : जुड़े रहे तो मिलेगी 50000 रुपये अतिरिक्त रकम, मृत्यु होने पर 2.5 लाख

ईपीएफओ के करोड़ों अंशधारकों के लिए सरकार एक खुशखबरी लेकर आई है. वे लोग जो ईपीएफओ की स्कीम में 20 साल या इससे अधिक समय तक कंट्रीब्यूशन करते रहेंगे, उन्हें लायल्टी-कम-लाइफ’ के तहत 50000 रुपये तक का अतिरिक्त वित्तीय लाभ सरकार द्वारा दिया जा सकता है. ईपीएफओ बोर्ड ने यह फैसला लिया है. ‘
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी02:55 PM IST, 13 Apr 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

ईपीएफओ के करोड़ों अंशधारकों के लिए सरकार एक खुशखबरी लेकर आई है. वे लोग जो ईपीएफओ की स्कीम में 20 साल या इससे अधिक समय तक कंट्रीब्यूशन करते रहेंगे, उन्हें लायल्टी-कम-लाइफ’  के तहत 50000 रुपये तक का अतिरिक्त वित्तीय लाभ सरकार द्वारा दिया जा सकता है. ईपीएफओ बोर्ड ने यह फैसला लिया है. ‘

यह अतिरिक्त वित्तीय लाभ हालांकि उस समय भी मिलेगा जब अंशधारक आजीवन अक्षमता (Permanent Disability) का शिकार हो गया हो लेकिन उसने 20 साल से कम समय तक ईपीएफओ में योगदान दिया हो. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सीबीटी (Central Board of Trustees- CBT) ने यह सिफारिश की है कि अंशधारक की मृत्यु हो जाने पर 2.5 लाख रुपये का न्यूनतम सम अश्योर्ड भी मुहैया करवाया जाए.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, सीबीटी ने बुधवार को अपनी बैठक में कर्मचारी जमा से जुड़ी बीमा योजना (ईडीएलआई) को संशोधित करने की सिफारिश की है ताकि इसके तहत ढाई लाख रुपये की न्यूनतम राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जा सके. इसके साथ ही संगठन से लंबे समय तक जुड़े रहने के लिए 50,000 रुपये तक का लाभ भी दिया जा सके. अधिकारी ने कहा कि इन सिफारिशों को सरकार की अनुमति के बाद लागू कर दिया जाएगा. इसे शुरू में दो वर्ष के लिए प्रायोगिक आधार पर शुरू किया जाएगा और बाद में इसकी समीक्षा की जाएगी.

सीबीटी की सिफारिश के अनुसार 58 या 60 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्त होने वाले उन सभी सदस्यों को 50,000 रुपये तक का अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा जिन्होंने संगठन में 20 वर्ष से अधिक अनुदान दिया होगा.

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT