देश में प्याज का संकट गहराता जा रहा है. शुक्रवार को कैबिनेट सचिव ने उपभोक्ता मामलों के सचिव के साथ एक हाई लेवल मीटिंग कर देश के कई हिस्सों में प्याज संकट की समीक्षा की और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई नए फैसले लिए. उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुताबिक कृषि मंत्रालय और उपभोक्ता विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ खाद्य मंत्रालय से जुड़ीं अहम सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे तुर्की और इजिप्ट जाएं और वहां से प्याज का आयत करने की कोशिश को तेज़ करें.
साथ ही, MMTC को कहा गया है कि दुबई और दूसरी जगहों से बड़ी मात्रा में प्याज आयात करें जिससे की बाजार में प्याज़ की किल्लत जल्दी दूर की जा सके. दिल्ली और राजस्थान की सरकारों को भी कहा जा रहा है कि वे ये सुनिश्चित करें कि 9 नवंबर से 12 नवंबर के बीच सभी मंडियां खुली रहें जिससे प्याज़ की सप्लाई बाधित न हो.
दिल्ली में प्याज़ 80 से 100 रुपये किलो तक बिक रहा है. दरअसल इस साल प्याज़ का उत्पादन 30 से 40 फीसदी तक घटने का अंदेशा है. इस कमी को दूर करने के लिए भारत सरकार ने चार देशों ईरान, तुर्की, अफगानिस्तान और इजिप्ट से प्याज़ ख़रीदने की सुविधा मुहैया कराने का फैसला किया है. अब प्याज़ की किल्लत दूर करने के लिए सरकार कारोबारियों को चार देशों से प्याज़ का आयात करने में मदद देगी. देश के कई इलाक़ों में यही हाल है.
खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने एनडीटीवी से बातचीत में बुधवार को कहा था कि इस बार मानसून एक महिने की देरी से आया जिससे प्याज की फसल की बुवाई एक माह की देरी से हुई. आम तौर पर नवंबर के पहले सप्ताह में प्याज का नया स्टॉक मार्केट में आ जाता था लेकिन इस बार देरी हो गई है.
VIDEO : दो घंटे की मशक्कत के बाद दो किलो प्याज