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SBI और सहयोगी बैंकों के विलय के प्रस्ताव को सरकार ने दी मंजूरी

वैश्विक आकार का बड़ा बैंक बनाने की अपनी मंशा के तहत सरकार ने एसबीआई और इसके पांच सहयोगी बैंकों की विलय योजना को बुधवार को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी, लेकिन भारतीय महिला बैंक के बारे में कोई फैसला नहीं किया.
NDTV Profit हिंदीNDTVKhabar News Desk
NDTV Profit हिंदी11:55 PM IST, 15 Feb 2017NDTV Profit हिंदी
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वैश्विक आकार का बड़ा बैंक बनाने की अपनी मंशा के तहत सरकार ने एसबीआई और इसके पांच सहयोगी बैंकों की विलय योजना को बुधवार को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी, लेकिन भारतीय महिला बैंक के बारे में कोई फैसला नहीं किया. एसबीआई में उसके अनुषंगी बैंकों को मिलाने के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया.

बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मंत्रिमंडल ने (विलय) प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. इन बैंकों के बोर्डों के पास ये प्रस्ताव गए थे, जिन्होंने उसे मंजूरी दे दी थी. बैंकों के निदेशक मंडलों की सिफारिशों पर विचार हुआ और मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.' जिन सहयोगी बैंकों का एसबीआई में विलय किया जाना है, उनमें स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एमबीएम), स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (एसबीटी), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (एसबीपी) और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (एसबीएच) शामिल हैं.

जेटली ने कहा कि इस विलय के बाद यह एक बहुत बड़ा बैंक बन जाएगा, घरेलू लिहाज से ही नहीं, बल्कि आकार के हिसाब से वैश्विक स्तर पर भी.मंत्री ने कहा कि इस विलय से जहां इन बैंकों की कोष लागत घटेगी, वहीं परिचालन लागत में भी कमी आएगी. प्रस्तावित विलय के बाद एसबीआई का आस्ति आधार 37 लाख करोड़ रुपये का होगा, जबकि इसकी शाखाओं की संख्या 22500 होगी. भारतीय महिला बैंक के विलय के एसबीआई में विलय के प्रस्ताव पर जेटली ने कहा, अभी इस पर विचार हो रहा है. हमने इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया है.' (इनपुट भाषा से)

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