सरकार सितंबर में त्योहारी मौसम से पहले महंगाई भत्ते (डीए) को बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर सकती है जो फिलहाल 80 प्रतिशत है। इससे 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 30 लाख पेंशनधारकों को फायदा होगा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्राथमिक आकलन से जाहिर होता है कि सितंबर में महंगाई भत्ते में 10-11 प्रतिशत की वृद्धि होगी जो इस साल 1 जुलाई से प्रभावी होगा।
उन्होंने कहा कि इसका सही आकलन 30 अगस्त को जून के औद्योगिक कामगारों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में संशोधन के जारी होने के बाद होगा। सरकार द्वारा 31 जुलाई को जारी जून के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक कारखाना श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 11.06 प्रतिशत थी जो इस साल मई के 10.68 प्रतिशत के आंकड़े से अधिक है।
आमतौर पर सरकार महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के लिए पिछले 12 महीने के औद्योगिक कामगारों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का उपयोग करती है। इस तरह इस मामले पर विचार के लिए जुलाई 2012 से जून 2013 तक के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े का उपयोग किया जाएगा।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के परिसंघ के महासचिव केके एन कुट्टी ने कहा ‘‘इस बार यह करीब 10 प्रतिशत रहेगा और इसकी घोषणा सितंबर में की जाएगी।’’ उन्होंने कहा ‘‘इसके अलावा मंहगाई भत्ते को बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने के अलावा सरकार को 50 प्रतिशत भत्ते को मूल वेतन में मिला चाहिए और यही हमारी मांग थी। महंगाई भत्ता बहुत पहले ही 50 प्रतिशत बेंचमार्क को पार कर चुका है।’’
आमतौर पर मंहगाई भत्ते के 50 प्रतिशत के पार जाने पर इसे मूल वेतन में शामिल कर लिया जाता है। मंहगाई भत्ते के विलय से कर्मचारियों के भत्ते में बढ़ोतरी के साथ मूल वेतन में भी बढ़ोतरी होती है।
कुट्टी ने कहा ‘‘महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से बहुत अधिक मदद नहीं मिलेगी क्योंकि एक जनवरी, 2011 से मुकाबले महंगाई बहुत बढ़ गई है।’’