अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर मोदी सरकार इन दिनों निशाने पर है. विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के अपने नेता और सहयोगी इसपर सवाल उठा रहे हैं. वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा था कि गिरती जीडीपी में नोटबंदी ने आग में घी का काम किया. वहीं शिवसेना ने भी तंज कसते हुए कहा था कि विकास तो पागल हो गया है. अब रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने आने वाले महीनों में अर्थव्यस्था में मजबूती की उम्मीद जताते हुए कहा है कि बेहतर सालाना वृद्धि दर को बरकार रखने के लिये अर्थव्यवस्था को तेजी से पटरी पर लाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि वृद्धि दर को बढ़ाने के लिये सरकार को त्वरित उपाय करने की जरूरत है. एक कार्यक्रम से इतर रंगराजन ने कहा, “कुछ मायनों में कहा जा सकता है कि अर्थव्यवस्था अब गिरावट से उबर रही है, क्योंकि दो तिमाही के लिये वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत पर बनी हुई है.”
उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर समस्याएं खत्म हो सकती हैं. साथ ही नयी मुद्रा आने से नोटबंदी का कुछ प्रभाव भी बेअसर हुआ है. इसलिये अर्थव्यवस्था ऊपर आ सकती है, लेकिन इसे बहुत तेजी से ऊपर लाने की जरूरत है.” प्रख्यात अर्थशास्त्री रंगराजन ने कहा कि पूरे वर्ष में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने के लिये बाकी बची तीनों तिमाहियों में अर्थव्यवस्था का सात प्रतिशत की दर से बढ़ना जरूरी है.
पहली तिमाही में वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत थी और पूरे साल के लिये 6.5 प्रतिशत दर हासिल करने के लिये अर्थव्यवस्था को तीनों तिमाही में सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की आवश्यकता है. रंगराजन ने कहा कि अर्थव्यवस्था की “वास्तविक तेजी” के लिये सरकार को त्वरित कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये सभी व्यावहारिक परियोजनाओं के पुनरुद्धार, बैंकों के पुनर्पूंजीकरण और उच्च कॉर्पोरेट निवेश के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने का सुझाव दिया है.
VIDEO: सरकार के तर्क में कोई दम नहीं, जीडीपी का गिरना सभी के सामने - यशवंत सिन्हा
(इनपुट भाषा से...)