सरकार ने एक अहम फैसला करते हुए देश में पाकिस्तान से निवेश की अनुमति दे दी है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूती देने और पाकिस्तान की तरफ से भारत को सबसे तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा देने की दिशा में इसे अहम पहल माना जा रहा है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा, सरकार ने नीति की समीक्षा की है और यह तय किया है कि पाकिस्तान के नागरिकों को और पाकिस्तान में पंजीकृत कंपनी को भारत में निवेश की अनुमति दे दी जाए। रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे रक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा को पाकिस्तान से होने वाले विदेशी निवेश से अलग रखा गया है। पड़ोसी देश से आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रस्तावों को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से अनुमति लेनी होगी।
भारतीय उद्योग जगत ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पाकिस्तान के कारोबारी सीमेंट, कपड़ा और खेलकूद जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं तलाश सकते हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की महासचिव राजीव कुमार ने कहा, यह बड़ा फैसला है। अब पाकिस्तान को भी भारत को सबसे तरजीही राष्ट्र का दर्जा दे देना चाहिए। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह साहनी ने सरकार के इस फैसले को द्विपक्षीय विश्वास बहाली के लिए सबसे मजबूत उपाय के तौर पर उठाया गया कदम बताया।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, पाकिस्तान को भी अब इसी तरह का कदम उठाते हुये भारतीय व्यावसायियों को पाकिस्तान में निवेश की अनुमति देनी चाहिए।